
उक्त उद्गार पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लाइफ लाइन एक्सप्रेस का निरीक्षण करते समय पत्रकारों से चर्चा करते हुए व्यक्त किए। पत्रकारवार्ता में श्री सिंधिया ने प्रदेश सरकार के साथ-साथ केन्द्र सरकार पर भी करारे निशाने साधे।
उन्होंने कहा कि देश में किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं, लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा, युवा रोजगार के अभाव में भटक रहे हैं और इन समस्याओं को हल करने के स्थान पर केन्द्र सरकार ध्यान भटकाने के लिए राष्ट्रवाद, वंदे मातरम् और भारत माता की जय के मुद्दों को उछाल रही है ताकि जनता के सवाल जवाब से वह बच सके।
पत्रकारवार्ता में श्री सिंधिया ने कहा कि शिवपुरी में सिंध जलावर्धन योजना के पूर्ण न हो पाने के कारण वह न केवल दुखी हैं, बल्कि बहुत नाराज भी हैं। सरकार को यदि मुझसे शिकायत है तो जनता को क्यों शिकार बनाया जा रहा है।
श्री सिंधिया ने अल्टीमेटम दिया कि यदि शासन और प्रशासन का रवैया नहीं सुधरा और सिंध जलावर्धन योजना पूर्ण नहीं हुई तो वह जनता को साथ में लेकर आंदोलन करेंगे। उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार को बेदखल कर राष्ट्रपति शासन केन्द्र सरकार द्वारा लगाए जाने पर आक्रोश जाहिर करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि केन्द्र सरकार संविधान की धारा 356 की भावना के साथ अनादर कर रही है।
उत्तराखंड में सरकार संविधान स मत कार्य कर रही थी फिर भी सरकार को हटाकर केन्द्र सरकार ने अपने कुत्सित इरादों को उजागर किया है और यह सिद्ध किया है कि लोकतंत्र में उसकी कोई आस्था नहीं है।
प्रदेश की खस्ताहाल स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में श्री सिंधिया ने कहा कि यह कहना कि ये सेवाएं वैन्टीलेटर पर हैं गलत है, बल्कि वैन्टीलेटर से भी बदत्तर हालत में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं हैं। यहां न तो पर्याप्त स्टाफ है और न ही पर्याप्त संसाधन। शिवपुरी की बात तो क्या करें, प्रदेश के बड़े-बड़े महानगरों में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं बेहद बदत्तर हालत में हैं।