
तेजस्व के भजन ने बांधा समां
ऋषि बोध उत्सव के मौके पर आर्य समाज के विशाल भसीन के 8 वर्षीय पुत्र तेजस्व भसीन ने बड़े ही शानदार शैली में ऋषि दयानन्द का स्मरण श्रोताओं को कराया और भजन की प्रस्तुति दी, 'कहां है, कौन है वो, कहां से आया... चारों दिशाओं में, ऋषि दयानन्द छाया..Ó की प्रस्तुति को सराहा गया। इसके अलावा किशन मदान द्वारा भजन 'गुरूदेव दयानन्द सा दुनिया में कहां होगा...महापुरूष जन्म लेंगें, सुना ना होगा...Ó के अलावा राजीव निगौती के भजन ...'ए ऋषि तू देवता था या कि तू इंसान था... प्रतिभा तेरी देखकर, सारा जहां हैरान था...'की प्रस्तुति रही। इसके अलावा मनोज अग्रवाल ने महर्षि दयानन्द का जीवन वात्सलय,मानवता,दयालुता,ईश्वरीय वाणी से भरा हुआ बताया।
प्रभातफेरी के साथ हुआ कार्यक्रम संपन्न
महर्षि दयानन्द के जीवन पर आधारित ऋषि बोध उत्सव कार्यक्रम का सफल समापन महाशिवरात्रि की अलसुबह हुआ। यहां प्रात: आर्य समाज के महिला पुरूष व बच्चों ने प्रभातफेरी निकालकर महर्षि के संदेश को जन-जन तक पहुंचाकर वेदों की वाणी को बताया। यह प्रभातफेरी शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए आर्य मंदिर पर संपन्न हुआ।