बाजार बैठक बसूली का ठेका निरस्त, ठेका छोडकर भागा ठेकैदार

शिवपुरी। पिछले कई सालो बाद नगर पालिका शिवपुरी ने बाजार बसूली का ठैका दिया था। यह ठेका सर्वाधिक बोली लगाने वाले ठेकेदार को दिया गया था। बताया गया था कि इस बाजार बसूली की अंतिम और सबसे ज्यादा 38 लाख रूपए थी। लेकिन अब खबर आ रही है कि बाजार बसूली का ठेका अब निरस्त होगा। 

ल बे समय के बाद नगर पालिका ने बाजार बैठक बसूली का ठेका सर्वाधिक बोली लगाने वाले गणेश तिवारी को दिया लेकिन 38 लाख की बोली लगाकर वर्ष 2016-17 का बाजार बैठक बसूली का ठेका हांसिल करने वाले ठेकेदार तिवारी ने उक्त ठेके की चौथाई रकम नगरपालिका में जमा नहीं कराई। 

नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा ने बताया कि उक्त राशि जमा करने हेतु नगरपालिका ठेकेदार को दो बार सूचना पत्र जारी कर चुकी हैं, लेकिन इसके बाद भी राशि जमा नहीं हुई। 

उन्होंने बताया कि सोमवार को श्री तिवारी के पक्ष में ठेका निरस्त हो जाएगा और उन्हें ब्लैक लिस्टेड घोषित कर दिया जाएगा और उनके द्वारा जमा कराई गई राशि 50 हजार रूपए राजसात कर ली जाएगी। 

साथ ही वह  नगरपालिका के टेंडर प्रक्रिया में कभी भी भाग नहीं ले सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि ठेका निरस्त होने के बाद दूसरे न बर की बोली लगाने वाले अवतार सिंह गुर्जर को ठेका दिया जाएगा और उनके द्वारा लगाई गई बोली (37 लाख 51 हजार)की चौथाई राशि जमा कराने को कहा जाएगा और उनके द्वारा राशि जमा न करने पर उनकी 50 हजार रूपए की राशि भी राजसात कर ली जाएगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार नगरपालिका में कई वर्षो से बाजार बैठक बसूली का ठेका नहीं हुआ है। नगरपालिका के कर्मचारी बाजार बैठक बसूली का कार्य करते आ रहे हैं। 

बताया जाता है कि लगभग पिछले पांच से अधिक वर्षो से बाजार बैठक बसूली के रूप में नगरपालिका के खजाने में आठ से दस हजार रूपए की राशि प्रतिमाह कर्मचारियों द्वारा जमा कराई जाती थी। इस तरह से प्रतिवर्ष मुश्किल से एक लाख रूपया इस मद में नगर पालिका के खजाने में जमा होता था। 

इस राशि को अपर्याप्त मानते हुए नगरपालिका उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा ने सीएमओ को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया कि नगरपालिका कर्मचारियों के साथ बसूली में प्राईवेट आदमी भी भेजे जाएं जिससे वस्तु स्थिति सामने आ सके। 

इस पर सीएमओ ने सहमति व्यक्त की और नपा उपाध्यक्ष ने अपने विश्वसनीय लोगों को कर्मचारियों के साथ बसूली करने के लिए भेजा। इससे बसूली में आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त हुए। 

जहां पहले मुश्किल से 10 हजार रूपए प्रतिमाह बसूली आती थी, वहीं प्राईवेट कर्मचारियों के भेजने से बसूली प्रतिमाह एक लाख से ऊपर पहुंच गई। इससे बाजार बैठक बसूली में नपा कर्मचारियों द्वारा व्यापक पैमाने पर किया जा रहा भ्रष्टाचार उजागर हो गया। 

इसे देखते हुए नगरपालिका ने बाजार बैठक बसूली का ठेका कराने का निर्णय लिया और उक्त ठेका 38 लाख रूपए में स्वीकृत हुआ।