
उनका कहना है कि शासन द्वारा मेरे खाते में फसल नुकसान के मुआवजे की राशि विभागीय अधिकारियों द्वारा डाली गई है। लेकिन बैंक मैनेजर उस राशि को देने से मना कर रहे हैं। उनका कहना है कि तु हारे बड़े बेटे की केसीसी का भुगतान तुम करो। जबकि मेरा बेटा मुझ से अलग हैं फिर भी वह मुझसे केसीसी जमा कराने की बात कर रहे हैं जबकि बैंक में न तो मेरा कोई लॉन खाता है औैर न ही पुराना कोई कर्ज चुकाना है।
लेकिन बैंक मैनेजर की हटधर्मियता के कारण मैनेजर मेरी मुआवजे राशि को देने से मना कर रहे हैं। जबकि शासन ने साफ निर्देश दिये हैं कि इस विपदा की घड़ी में किसानों से न कोई बसूली की जाए और उनके खाते में आये मुआवजे को पैसों समय सीमा में वितरित किया जाए जिससे वह अपनी अगली फसल की बुबाई कर सकें।