जनसुनवाई या जनता की चप्पल घिसाई

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सत्येन्द्र उपाध्याय/शिवपुरी। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह ने जनसुनवाई एक जनता के साथा धोखा सबित हो रही हे। जिले की जनता किराए खर्च कर अपना समय बर्बाद कर कलेक्ट्रेट में आकर केवल आवेदन पर मिलती है केवल लालसील।

जनसुवाई जनता के साथ धोखा साबित हो रही हे उसका जीता जागता उदाहरण कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में आज देखने को मिला। आज जनसुनवाई में आए शिकायतकर्ताओं में से अधिकांश वह शिकायतकर्ता थे जो अपनी शिकायत लेकर एक बार नहीं कई-कई बार आ चुके है। 

बार- बार जनसुनवाई में आकर अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं, लेकिन कई माह बाद भी इन शिकायतों का निराकरण न होने के कारण वह अपनी शिकायतें लिए यहां से वहां भटक रहे हैं।

जनसुनवाई में आया विकलांग रवि अपनी पेंशन को लेकर परेशान है। उसका कहना है कि वह इस संबंध में कई आवेदन दे चुका है, लेकिन कोई सुनवाई ही नहीं होती।

वहीं फसल को सूखने से बचाने के लिए नया बोर कराने को लेकर आवेदक  मुकेश खासा परेशान है। वह एसडीएम और कलेक्टर को इस संबंध में कई आवेदन दे चुका है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिससे उसकी फसल सूखने की स्थिति में पहुंच चुकी है।

80 वर्षीय मेंदा बाई अपनी पेंशन की शिकायत लेकर शिवपुरी के ग्राम सतनवाडा से शिवपुरी आई है। उसका कहना है कि वह अपनी पेंशन के लिए डाकखानेऔर बैंकों के चक्कर लगा रही है, लेकिन उसे पेंशन नहीं मिल पा रही है। उसका कहना है कि उसकी अधिकारी भी सुनवाई नहीं करते।

 वहीं महाविद्यालय का छात्र महे अपनी स्कॉलरशिप की समस्या लेकर आज चौथी बार जनसुनवाई में आया है, लेकिन हर बार उसे आश्वासन मिलता है न्याय नहीं।

बुजुर्ग आशाराम अपनी लड़की के अपहरण का मामला लेकर जनसुनवाई में खडा था। उसका कहना है कि उसकी लड़की का डेढ़ माह पहले अपहरण हुआ, लेकिन आज तक आरोपियों की गिर तारी नहीं हुई जिसकी वजह से आरोपी धमकी देते घूम रहे हैं और कलेक्टरए एसपी हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे।

कुल मिलाकर इस जनसुनवाई को जनता की चप्पल घिसाई कहा जाए तो कोई अतिशोयक्ति नही होगी।
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