पहली बार पिता पुत्र को घर पहुंचाने आया है: शुभंकरा श्रीजी

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शिवपुरी। नवकार दरबार को लगते-लगते 19 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं यह पहला संयोग है जब ब पर ड्रॉ में निकले छोटे पाश्र्वनाथ को नवकार पाश्र्वनाथ भगवान स्वयं अपने साथ विजेता के घर पहुंचाने गये। 

ऐसा लग रहा है जैसे एक पिता अपने पुत्र को बाजे गाजे के साथ उसके घर पहुंचाने आया है उक्त बात आज ब पर डॉ विजेता श्रीमती निर्मला कोचेटा के निवास स्थल पर साध्वी शुभंकराश्रीजी ने कही। वे यहां नवकार पाश्र्वनाथ सहित पूरे संघ के साथ आये थे। 

आज कोचेटा निवास पर सभी संघ के साथ भगवान नवकार पाश्र्वनाथ एवं ब पर ड्रॉ में श्रीमती निर्मला कोचेटा को मिले पाश्र्वनाथ भगवान की मूर्ति सहित साध्वी मण्डल एवं समाज पहुंचा। 

उनके निवास पर नवकार जाप के बाद मंगलाचरण एवं भक्ता बर पाठ हुआ। नवकार जपेश्वरी साध्वी शुभंकरा श्रीजी ने इस अवसर पर कहा कि शिवपुरी के कोचेटा परिवार से उनका कोई संपर्क नहीं था, परंतु रायपुर में इसी परिवार के दूसरे घर में राजेन्द्र कोचेटा की पत्नी भारती कोचेटा रहती हैं।

वे शादी के पूर्व से ही उनकी परम शिष्या हैं हालांकि शिवपुरी चातुर्मास की स्वीकृति देने से पूर्व वे शिवपुरी के इस परिवार को नहीं जानते थे परंतु जब चातुर्मास फाइनल हो गया और इस बात का पता भारती को चला तो भारती ने कहा कि म.सा. वहां तो मेरा ससुराल है और इस तरह से मुझे इस परिवार के बारे में पता चला। 
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