शिवपुरी। शिक्षक को अपने मूल कार्य से भटका कर स्थानीय प्रशासन बीएलओ को कार्य कर रहे है इससे शिक्षण व्यवस्था ठप्प हो गई है ओर विद्यालयों में ताले पडने के आसार नजर आ रहे है।
गौर करें स्कूल शिक्षा मंत्रालय ने 4 जून 15 को एक आदेश जाारी किया था जिसका पत्र क्रमांक 619-946 2015-16 है इस आदेश में अपर मु य सचिव एसआर मोहन्ती ने सभी संभागयुक्तो से लेकर सभी जिलों के कलक्टर्स और सीईओ को आदेशित किया है कि शक्षकों से बीएलओ का कार्य किसी भी स्थिति में फु ल टाइम नहीं लिया जाना चाहिए।
अन्य विभागों के सेवारत कर्मचारियों की अनुपलब्धता की स्थिति में शिक्षकों से बीएलओ के रुप में केवल अंशकालिक कार्य ही लिया जाना चाहिए और वह भी उनके कार्यस्थल व शैक्षणिक स्थल के साथ साथ शैक्षणिक अवधि को बिना परिवर्तित किए ही किया जाना चाहिए।
पत्र में स्पष्ट है कि चंूकि बीएलओ को प्रथक से इस कार्य का मानदेय प्राप्त होता है इसलिए उनके द्वारा उपना मूल शैक्षणिक कार्य बिना प्रभावित किए डयूटी के समयोपरांत ही बीएलओ कार्य किया जाना चाहिए।
परन्तु जिले में गंगा उल्टी बहती है,इससे शिक्षण व्यवस्था चरामरा गई है यहां शिक्षकों से लेकर संविदा शिक्षकों और अध्यापकों को उनके पदस्थी स्थल से 25 किमी दूर तक बीएलओ बना डाला गया है ।
पदस्थी स्थल से इतना दूरी पर ड्य्ूटी का कोई औचित्य नहीं ए इन्हें पूर्णकालिक ड्यूटी पर रखा गया है शासनदेश का पालन जिन अधिकारियों को कराना था वे ही पढ़ाई चौपट कराने आमादा है।
एक छोटा सा नमूना देखिए माध्यमिक विद्यालय खजूरी में तीन शिक्षक पदस्थ हैं। जिनमें से तीनों की ही ड्यूटी क्रमश: बीएलओ और जनगणना में लगा दी गई है। शिक्षक ललित मोहन शर्मा को शिवपुरीए मोहर सिंह को जनगणना में तथा भूपेन्द्र सिंह धाकड़ संविदा शिक्षक को बड़ौदी सड़क पर तैनाती दी गई है इन हालातों में स्कूल तो बंद होने का ठहरा।
यहां गत रोज गुरुवार को तो ताला झूल गया। यह तो एक नजीर मात्र है असली तस्वीर तो अन्य गांवों में दिखाई देगी। जब जिला प्रशासन के ही अधिकारी शालाओं में पढ़ाई ठप कराने पर आमादा है तो फि र किसी और को दोष कैसे दिया जा सकता है। इन सबके बीच दिलचस्प खबर यह भी आ रही है कि दिन दिन भर दूरदराज के केन्द्रों पर बैठे इन बीएलओ के पास इक्का दुक्का वोटर भी बमुश्किल नहीं आ रहे।
विद्यालयों में कराई जा रही इस तरह की तालाबंदी के लिए कौन जि मेदार हैं क्या कारण है कि शिक्षकों को 10 से 25 किमी तक बीएलओ बना कर पूरे समय की डयूटी कराई जा रही है जबकि शासन का इस बावत स्पष्ट आदेश और मनाही है।
जिले में शिक्षा विभाग के शिक्षकों को राजस्व और निर्वाचन में अटैच कर उनसे गैर शिक्षकीय कार्य भी कराया जा रहा है राजस्व विभाग की इस दादागिरी से शिक्षक संगठन खासे खफ ा हैं और इस बार यह मसला कुछ विधायक सदन में भी उठानें की बात कह रहे हैं।