बर्फवारी: आधी रात उठ बैठा शहर, सड़के हुई सफेद

0
शिवपुरी। कल रात शहर वासियों ने आधीरात के पश्चात प्रकृति का उग्र और रौद्र रूप देखा। 30 मिनिट से भी अधिक समय तक जबर्दस्त आंधी तूफान और बिजली की कड़कड़ाहट के साथ जमकर तेजबारिश के साथ ओले बरसे।

सड़कों पर ओलों की चादर बिछ गई और ओलावृष्टि से शिवपुरी में काश्मीर जैसा नजारा नजर आने लगा। बुजुर्गों के अनुसार उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी भी ऐसी भयंकर ओलावृष्टि नहीं देखी।

बड़े-बड़े आकार के ओलों से छतें भर गईं। ओलाबृष्टि और बारिश के कारण कई वृक्ष जमीन से उखड़कर गिर गए। शंकर कॉलोनी में तेज आवाज के साथ वृक्ष धराशाही हो गया। ओलावृष्टि का स्वरूप इतना बिकराल था कि हरे भरे वृक्ष पत्ताविहीन हो गए।

प्रकृति का ऐसा रूप देखकर बच्चे तो बच्चे बड़े भी कांप उठे। ओलावृष्टि ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। सोयावीन और उड़द की फसल तो पहले से ही तबाह हो चुकी थी, लेकिन ताजा ओलावृष्टि से टमाटर की फसल भी 50 प्रतिशत से अधिक नष्ट हो गई है।

कल रात मौसम पूरी तरह साफ था और ऐसा कहीं नजर नहीं आ रहा था कि आज प्रकृति का रौद्र रूप देखने को मिलेगा। आधीरात के बाद शहर के लोग निश्चिंतता पूर्वक सोये हुए थे। अचानक बिजली की गडग़ड़ाहट ने उनकी नींद में खलल डाला। रात 2:20 मिनिट से आंधी तूफान और बिजली की चमक के साथ तेज बारिश शुरू हो गई और इसके साथ ही आसमान से धड़ाधड़ ओले गिरने लगे।

प्रारंभ में चने के आकार के बराबर ओले गिरे लेकिन इसके बाद बड़े बड़े आकार के ओले टपकने लगे। ऐसा लगा मानो आसमान से पत्थरों की बारिश शुरू हो गई है।

घरों में कैद लोगों को लगने लगा कि किसी भी क्षण छत गिर कर उन पर टपक सकती हैं। बहुत से लोगों ने भगवान का नाम लेना शुरू कर दिया और छोटे-छोटे बच्चों ने भयभीत होकर रोना शुरू कर दिया।

बिजली जाने से घबराहट और बढ़ गई। तेज बारिश के कारण निचली बस्तियों में पानी भर गया। प्रकृति का यह उग्र रूप आधे घंटे से भी अधिक समय तक जारी रहा। रात तीन बजे के आसपास बारिश थमी तो फिर लोगों ने राहत की सांस ली।

सुबह तक जमी थी सड़क पर बर्फ की मोटी चादर
सुबह जब लोग सोकर उठे तो उन्होंने देखा कि उनकी छत और सड़क पर बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई थी। घरों की छतों पर जमी बर्फ को लोगों ने बाल्टियों से उठा-उठाकर फैंकना शुरू कर दिया।

गुरूद्वारे के सामने स्थित रामप्यारामल पेट्रोल पंप के इर्द गिर्द मिनी शिमला का दृश्य नजर आ रहा था। यहां तीन-तीन चार-चार फिट बर्फ की परतें काफी ल बाई तक फैली हुई थी और कुछ लोग शिमला की तरह हाथों में बर्फ लेकर एक दूसरे पर फैंक रहे थे। छत्री रोड़ पर स्थित आदिनाथ जिनालय के बाहर भी बर्फ की चादर बिछी हुई थी।
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!