संजय बेचैन के नेतृत्व में आदिवासियों ने किया अर्धनग्न प्रदर्शन

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शिवपुरी। निर्माणधीन ग्वालियर-देवास फोरलेन सड़क के निर्माण मेंं आदिवासियों के खेतों को खदान बनाने का मामला प्रकाश में आया है। बताया गया है कि शिवपुरी विकासखंड के एक गांव में हो रहे इस अवैध उत्खन्न के खिलाफ सहरिया क्रांति ने दिलीप बिल्डकॉम के खिलाफ नारे लगाते हुए अर्धनग्र प्रर्दशन किया है।

जानकारी के अनुसार आज कंपनी के करीब आधा सैंकड़ा से अधिक डंपरों को करई कैरऊ क्षेत्र के सैंकड़ों आदिवासियों ने उस समय घेर लिया जब ये डंफर और तमाम मशीनरी इन आदिवासियों की पट्टे की भूमि पर अवैध उत्खनन कर खनिज ले जाने का प्रयास कर रहे थे।

घटना की जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में दो थानों का पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया मगर सहरिया क्रांति संगठन के बैनर तले आदिवासियों ने अपने वस्त्र उतारकर कड़ी धूप में नारेबाजी कर प्रदर्शन कर डाला।

इनकी माँग थी कि उनके खेतों में किया जा रहा अवैध खनन तत्काल प्रभाव से रोका जाए और जो डंपर यहाँ खनिज परिवहन के लिए लाए गए हैं उन्हें कार्यवाही की जाये।

कंपनी कर रही है अवैध उत्खन्न, लग रहा है राजस्व का चूना
इस बात में दो राय नहीं कि आदिवासियों की पट्टे पर दी गई भूमि पर किसी तरह का कोई अनुबंध बिना प्रशासन की लिखित अनुमति के नहीं किया जा सकता और न ही इस भूमि को विक्रय किया जा सकता।

जबकि यहाँ करई कैरुउ क्षेत्र के ग्रामीण आदिवासियों से कतिपय तत्वों ने 500 रुपए के स्टांप पर 50 हजार रुपए की बतौर पेशगी देकर यह अनुबंध कराया कि उनके पट्टे की भूमि पर से मुरम उत्खनन किया जा सकता है।

इनके खेत इस अनुबंधन के खदान में तब्दील कर दिए गए और यहाँ से जो मोरम खोदी जा रही है वह फोरलेन के अर्थ वर्क में उपयोग की जा रही है। यही कारण था कि कंपनी सीधे इस उत्खनन अनुबंधन में भले ही सामने नहीं आई है।

मगर कंपनी के जो आधा सैंकड़ा और जेसीबी इन खेतों में खड़ी स्थिति में पाए गए वह इस बात का परिचायक हैं कि पूरा खेल कंपनी की हित साधना के लिए ही खेला जा रहा है चूंकि कंपनी के कर्ताधर्ता हाइप्रोफाइल लोग हैं ऐसे में प्रशासन भी उन पर हाथ डालने से कतरा रहा है।

इस तरह हुआ प्रदर्शन
आदिवासियों ने अपनी आंखों के सामने खेतों को खदान में तब्दील होते देखा तो कई रो पड़े, यहाँ सहरिया क्रांति के बैनर तले क्रांति के संजय बैचेन के नेतृत्व में बड़ी सं या में सहरियों का हुजूम एकत्र हो गया और इन्होंने तमाम मशीनरी को खेत में ही रोक लिया।

घटना की जानकारी लगते ही दो थानों का पुलिस बल यहाँ जा पहुंचा जब उल्टे आदिवासियों ने मशीनरी जब्त करने की माँग कर डाली तो मौके पर मौजूद पुलिस कर्मी भी सकपका गए।

गठित की थी अवैध उत्खन्न रोकेने को प्रशासन ने टास्क फोर्स
एक ओर अवैध उत्खनन और परिवहन रोकने के लिए जिला कलेक्टर ने गत रोज ही टास्क फोर्स की बैठक ली थी जिसमें पुलिसए फॉरेस्टए माइनिंग और राजस्व के आला अधिकारी मौजूद थे किन्तु आज नजारा कुछ और ही देखने में आया।

तमाम पुलिस फोर्स की आंखों के सामने आधा सैंकड़ा से अधिक डंपर और जेसीबी सामूहिक रूप से अवैध खनन व परिवहन करते यहां दिखाई दिए और पुलिस मूक तमाशाई बनी देखती रही जबकि इस अवैध खनन के खिलाफ सहरिया क्रांति के बैनर तले अर्धनग्न होकर सहरियों का समूह कार्यवाही की माँग भी कर रहा था।

अब देखना यह है कि प्रशासन सहरिया क्रांति की आवाज पर इस हाईप्रोफाईल कंपनी के कर्ताधर्ताओ के खिलाफ अवैध उत्खन्न का मामला दर्ज करते हुए इन डंफरो और हिटैची को राजसात कर पाता है या ....।

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