इन अनाथों का पालना बनेगा शिवपुरी का बाल कल्याण

0
शिवपुरी। ग्वालियर के बाल गृह में रहने वाली पांच बालिकाओं को शिवपुरी लाया गया है। शिवपुरी लाए जाने के बाद गुरुवार को इन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। यहां से इन्हें बाल गृह भेज दिया गया।

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष जिनेंद्र जैन और विनय राहुरीकर ने बताया कि इस समय ग्वालियर में जो बाल गृह है वहां पर बच्चे काफी संख्या में हैं। ग्वालियर में ज्यादा सं या होने के कारण महिला सशक्तिकरण विभाग ने इन्हें शिवपुरी के बाल गृह में रखने का प्रस्ताव दिया। इस पर से इन्हें अब शिवपुरी रखा जाएगा।

ग्वालियर से जो बालिकाएं शिवपुरी लाई गई हैं उनमें प्राची राठौर, रस कुमारी, सुप्रिया तिवारी, सपना और प्रिया शामिल हैं। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष जिनेंद्र जैन ने बताया कि टीवी टावर रोड पर जो बाल गृह संचालित है वहां पर पहले से ही बच्चों की सं या कम है।

इसलिए ग्वालियर में रहने वाली इन बच्चियों को यहां पर शि ट किया गया है। यहां पर कम सं या के कारण इनकी और अच्छे ढंग से देखभाल हो पाएगी।

सगें सबंधिंया ने छोड़ा साथ
बताया गया है कि 3 साल की मासूम प्राची राठौर के माता-पिता की मृत्यु हो गई। उसका कोई भी सगा संबंधी नही है। उसकी ताई का लड़का अपने घर ले जाने की इच्छा व्यक्त कर चुका है,लेकिन बच्ची उसके घर नही जाना चाहती।

पढना चाहती थी,पिता कराते थे मजदूरी
दिल्ली की ट्रेन से ग्वालियर आई रसकुमारी ने कहा कि हमारा गांव मझेयारी है। जहां मेरे पिता गिट्टी तुडवाते थे। जबकि उसकी पढऩे की ईच्छा है। इसलिए वो बाल मजदूरी व घर छोड़कर दिल्ली से ट्रेन में बैठकर ग्वालियर आ गई। वहां से उसे बालिका आश्रम में भेजा गया।

माता-पिता का हुआ देंहात
इसी तरह दस साल की सुप्रिया के माता-पिता,दोनो का देहांत हो चुका है। इस भरी दुनिया में उसका कोई नही है। वो पन्ना जिले की रहने वाली है। अब उसके लिए आश्रम की सहेलियां ही परिवार है और उसके पालने वाले माता-पिता

कुपोषण के कारण हुई अनाथ
11 साल की प्रिया समथर झांसी की रहने वाली है। पूर्व में वो कुपोषण की शिकार थी। ठीक होने के बाद उसे अपना कोई नही मिला। वो ग्वालियर के बाल आश्रम में  कई बर्ष रहने क बाद अब शिवपुरी आ गई। 15 साल की प्रिया कक्षा 6 में पढ़ती है। पहले वो इंदौर के राजकीय बाल सरंक्षण आश्रम में रही। 
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!