प्रशासन नही दी जलसत्याग्रह करने की अनुमति: हाईकोर्ट जाऐगी पब्लिक पार्लियामेंट

शिवपुरी। शहर के प्सासे कंठो की प्यास बुझाने वाली योजना को पुन: शुरू करने के लिए प्रशासन से पब्लिक पार्लियामेंट ने अनुमति मांगी थी यह अनुमति प्रशासन ने नियमो के फेर में उलझा दी और आंदोलन करने की अनुमति नही दी,इस कारण पब्लिक पार्लियामेंट अब अनुमति लेने हाईकोर्ट जाऐंगी।

जानकारी के अुनसार मडीखेडा की जलावर्धन योजना को लेकर एक महीने तक जोरदार आंदोलन कर चुकी पब्लिक पार्लियामेंट नेताओं की वादा खिलाफी से नराज है। सरकार ने इस योजना पर एक माह में रोडमेप बनाकर काम करने का आश्वासन दिया थाए लेकिन काम शुरू नहीं हुआ है।

 इसलिए संस्था के लोग दोबारा से आंदोलन करना चाहते हैं। हालांकि प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया है। पब्लिक पार्लियामेंट 20 अगस्त से धरना देने के लिए जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर अनुमति चाही थी।

जो प्रशासन ने नहीं दी है। इसलिए प्रस्तावित आंदोलन कुछ समय के लिए आगे बडा दिया गया। पब्लिक पार्लियामेंट के पदाधिकारियों का कहना है कि हम यह आंदोलन लोकतांत्रिक तरीके से करेंगे, फि र भी प्रशासन ने हमें रोकने के लिए अनुमति नहीं दी है। इसलिए प्रशासन की मनमानी के खिलाफ हाईकोर्ट में जाएंगे।

10 अगस्त को दिया था अनुमति का आवेदन
पब्लिक पार्लियामेंट गुरुवार 20 अगस्त से फिर जलक्रांति सत्याग्रह करने की तैयारी में था, इसके लिए 10 अगस्त को एसडीएम नीतू माथुर को आवेदन दिया गया था लेकिन काफ ी दिन निकलने के बाद भी इस आवेदन पर क्या निर्णय हुआ। प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले को दबाए बैठे रहे।

एसडीएम ने अनुमति न दिए जाने का निर्णय बीते रोज 19 अगस्त को लिया। लेकिन यह पत्र पब्लिक पार्लियामेंट के लोगों को गुरुवार दोपहर दिया गया। जबकि पिछले तीन दिन से संस्था के लोग एसडीएम के पास अनुमति के लिए चक्कर लगाते रहे। सत्याग्रहियों का कहना है कि पूर्व में जो आंदोलन होते रहे हैं उनकी अनुमति 24 घंटे के भीतर दी जाती रही है। आंदोलन को फि र से परमिशन न देने के पीछे सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं का दबाव प्रशासनिक अफसरों पर रहा है।

विदित हो कि दो माह पूर्व यह आंदोलन हुआ था और इस आंदोलन को जनता का अपार समर्थन प्राप्त हुआ था। इस आंदोलन की लपटे शिवपुरी से लेकर भोपाल तक पंहुच गई। इस आंदोलन को शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे के आग्रह पर खत्म किया था कि एक माह में योजना पर काम शुरू हो जाऐगा परन्तु नतीजा कुछ नही निकला।

इस कारण पब्लिक पर्लियामेंट ने सरकार और नेताओ के वादा खिलाफी के कारण फिर आंदोलन करने का मन बना लिया और 10 अगस्त को अनुमति का आवेदन एसडीएम शिवुपरी को सौपा परन्तु प्रशासन ने नियमो में फसा कर अनुमति नही दी इस कारण जलसत्याग्रही आंदोलन की अनुमति लेने हाईकोर्ट जाऐगें।