शिवपुरी की गोल्डन सैंड पर हथियारबंद एसएएफ का पहरा

शिवपुरी। जिले में रेत का अवैध कारोबार कारोडो रूपए तक पहुंच चुका है,इस रेत के अवैध को रोकने में वनविभाग,राजस्व और माईनिंग विभाग नाकाम हो रहा है या यू कह ले कि माईनिंग और राजस्व विभाग ही इस रेत के अबैध कारोबार में सलिंप्त है इस कारण ही वन विभाग ने अपनी संपदा की सुरक्षा हैतु एसएएफ के हथियारबंद जवानो की डिंमाड की।

जानकारी के अनुसार वनविभाग की सीमा में अबैध रेत खोदे जाने और परिवहन करने की सूचना वनभिाग को मिल रही थी विभाग के पास जो अमला था वह अपनी संपदा की सुरक्षा करने में असमर्थ हो रहा था। इस कारण वनविभाग ने एसएएफ के 6 हथियारबंद जवानो की मांग की।

कल बुधवार से इन हथियारबंद जवानो ने अपना मोर्चा संभाल लिया है। बताया गया है कि उक्त एसएएफ के  जवानों ने आमोलपठा वन चौकी पर वन विभाग के कर्मचारियों के साथ मोर्चा भी संभाल लिया है इलाके से 50 डंपरों की प्रतिदिन निकासी हो रही हैए जिसमें 10 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हर रोज शासन को हो रहा है।

इन क्षेत्रो में हो रहा है अबैध उत्खनन
वन विभाग की मानें तो आमोला रेंज की आमोलपठा सबरेंज के बरुआ नाला, उकायला, रामकु?ीए डांगीपुरा, राजगढ, उडवाहा और आमोलपठा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां से प्रतिदिन 50 डंपरों की निकासी प्रतिदिन की जा रही है।

साठगांठ कर खनन माफिया 20 हजार रुपए प्रति डंपर के हिसाब से इसे बाजार में बेच रहे हैंए जिससे शासन को 10 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हो रहा है और इस हिसाब से 3 करोड रूपए माह का चुना शासन को लग रहा है और पर्यावरण की क्षति का आकलन किया नही जा सकता है।