4 साल से: ना गणवेश बंटी, ना मध्याह्न भोजन

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शिवपुरी। पिछोर अनुविभाग के कई स्कूलों में डीपीसी शिरोमणि दुबे ने आकस्मिक निरिक्षण किया इस निरिक्षण में एक स्कूल में 4 साल से गणवेश नही बांटने, साइकिल वितरण और मध्यान्ह भोजन न बांटने का मामला प्रकाश में आया है। इसके अतिरिक्त अतिथि शिक्षक के वेतन भुगतान के नाम पर भारी गडबडीयां मिली है।

जानकारी के अनुसार डीपीसी शिरोमणि दुबे जब मावि पटेसरा में निरीक्षण करने पहुंचे तो पाया कि इस स्कूल में 80 छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं। इन बच्चों को पिछले तीन साल से गणवेश का वितरण नहीं किया गया है। एक बच्चे को 400 रुपए के हिसाब से गणवेश की राशि का भुगतान किया जाता है। इस लिहाज से इस स्कूल में गणवेश वितरण के नाम पर 96 हजार रुपए की राशि को स्कूल प्रशासन पचा चुका है। इसके अलावा प्रावि आगरा में भी 36 बच्चों को गणवेश का भुगतान नहीं हुआ है।

माध्यमिक स्कूल ढला में भी 21 बच्चों को 2300 रुपए के मान से साइकिल की राशि का वितरण नहीं किया गया है गणवेश राशि के भुगतान न होने की बात की पुष्टि छात्र-छात्राओं द्वारा भी की गई है मावि ढला में भी हेड मास्टर महेन्द्र सिंह यादव ने वर्ष 2014-15 में अंग्रेजी विषय की अतिथि शिक्षक चित्रा गुप्ता को पूरे वेतन का भुगतान किया गया है, जबकि महेन्द्र सिंह यादव ने खुद ही यह बताया है कि वह सप्ताह में तीन दिन से अधिक स्कूल नहीं आई है

बाजार में घूम रहे थे शिक्षक, प्रंसीपल सोते हुए मिले
खनियांधाना विकासखंड में तो प्रावि रायपुर सालौरा में पदस्थ शिक्षक मनोहर सिंह चौहान स्कूल समय में बाइक से पिछोर-रन्नौद रोड पर घूमते मिले इनके साथ प्रावि तला वगरवारा प्रावि में पदस्थ संविदा शिक्षक वर्ग तीन संग्राम सिंह मेहते भी थे।

प्रावि पुरा में पदस्थ शिक्षक गुप्ता भी स्कूल की जगह बाइक पर घूमते मिले डीपीसी ने जब प्रआ के ग्राम नांद स्थित घर पर छापा मारा तो छोटे लाल आदिवासी अपने घर पर आराम करते मिले डीपीसी ने उनके फोटो खिंचवाकर कथन दर्ज किए। इसी प्रकार प्रावि डोंडरयाऊ के गुरुजी बाबूलाल वंशकार भी अपने घर पर ही आराम फरमाते मिले।

शिक्षकों के वेतन आहरण पर टैक्स
मावि ढला के प्राचार्य महेन्द्र यादव ने बताया कि संकुल प्राचार्य यामिनी कोली शिक्षकों के वेतन आहरण के नाम पर प्रतिमाह 200 रुपए लेतीं हैं। बकौल महेन्द्र, संकुल प्राचार्य यामिनी कोली का कहना होता है कि वेतन ऑनलाइन करने के पैसे लगते हैं, इसलिए पैसे लिए जाते हैं उनके अनुसार अतिथि शिक्षकों की फाइल जमा करने के नाम पर दो हजार रुपए मांगे जाते हैं।

इनका कहना है
स्कूलों में छात्र-छात्राओं को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिए जाने का मामला सामने आया है इसके अलावा कई शिक्षक अनुपस्थित मिले हैं शिक्षकों से पैसे की मांग की गई है सभी के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।
शिरोमणि दुबे, डीपीसी शिवपुरी
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