शिवपुरी। बड़े दिनों बाद शिवपुरी में केंद्रीय मंत्री आए लेकिन शिवपुरी को बिना कुछ दिए ही चले गए। गजब देखिए कि समस्याओं से कराह रही शिवपुरी को उन्होंने आश्वासन तक नहीं दिया। बस हुर्र हुर्र हाश हुश करके चले गए। पता नहीं किसने मुगालता दिया था कि जनता खुश होगी, शाबाशी देगी।
रीते घड़ों और प्यासे कंठों की लड़ाई लड़ रही शिवपुरी को उम्मीद थी कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उन घोषणाओं के बारे में कुछ बात करेंगे जो मोदी ने यहां एक सभा के दौरान कीं थीं। जनता ने उन पर भरोसा जाता था और सिंधिया को शिवपुरी विधानसभा से शिकस्त दी थी। कम से कम एक धन्यवाद की उम्मीद तो हर इंसान को थी। शिवपुरी की जनता से इतिहास जो बदल दिया था, परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ।
जावड़ेकर ने ना तो मोदी की घोषणाओं का जिक्र किया और ना ही शिवपुरी का शुक्रिया अदा किया। सिंधिया की जमीन माफिया वाली फाइल का जिक्र करते रहे। वो कहानी जो शिवपुरी की जनता वर्षों से जानती है, फिर से सुना गए। सिंधिया के बारे में कोई नया खुलासा तक नहीं किया।
भाजपाईयों को याद रखना होगा कि अब वो सत्ता में हैं। विपक्षी दलों जैसी कालिख उछाली से काम नहीं चलेगा। शिवपुरी की जनता को अब विकास चाहिए, वादों से भी संतोष नहीं करेंगे। घर घर में पेयजल चाहिए, गली गली में सड़क चाहिए। नहीं दे सकते तो अगले चुनाव में जनता करेगी:
समस्याएं संग तो भाजपा भंग
