लठैतों के कब्जे से मुक्त नहीं हो पा रहा खरई बैरियर

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शिवपुरी। जिले की सीमा क्षेत्र में राजस्थान सीमा के प्रवेश द्वार से पूर्व स्थापित खरई बैरियर इन दिनों लठैतों के कब्जे में है। यहां आए दिन वाहन चालकों और अन्य यात्रियों से कैमरे की नजर चुराकर अवैध वसूली की जा रही है तो वहीं कोई इनकी वसूली नहीं देता तो उसे अभद्रता और गाली-गलौज तक का सामना करना पड़ता है।

कुल मिलाकर इन दिनों खरई बैरियर यहां से गुजरने वाले वाहनों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है यदि समय रहते यहां हालात नहीं सुधरे तो निश्चित रूप से एक दिन वाहन चालकों के क्रोध का सामना इन्हें करना पड़ सकता है।

यहां कूपन और कोडवर्ड के द्वारा वाहनों की निकासी और प्रवेश कराये जाने का काला कारोबार किया जा रहा है। बताना होगा कि पूर्व में भी कई बार इस टोल बैरियर पर विवाद की स्थिति बनी है और नौबत मारपीट व तोडफ़ोड़ भी की गई।

कांटा बना दिखावा, सेंटर लाईन से निकल रहे वाहन
बताया जाता है कि राजस्थान, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की विभिन्न सीमाओं में प्रवेशकरने और अन्य प्रदेशों में जाने के लिए ओवरलोड वाहनों की क्षमता अनुरूप कोटा स्थापित किया गया है। ताकि कोई भी ओवरलोड वाहन यहां से बिना शुल्क दिए नहीं जा सके।

लेकिन यहां के कर्मचारियों ने ऐसी व्यवस्था बना दी है निर्धारित लोड क्षमता से कहीं अधिक भारी वाहनों को एक गुप्त मार्ग से बाहर निकाल दिया जाता है और इनसे अवैध वसूली इस टोल के नाम से की जाती है। कई बार वाहन चालक जब निर्धारित लोड लेकर भी यहां से निकलते है तो भी उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

वहीं दूसरी ओर सेंटर लाईन के माध्यम से वाहनों से वसूली कर निकाला जा रहा है। यहां एक-एक वाहन से 700 से लेकर 5000 रूपये तक वसूले जा रहे है। यहां सरेआम हो रही अंधेरदगर्दी का आलम यह है कि यहां लठैतों और कटरों के द्वारा जबरन वसूली की जा रही है।

कूपन और कोडवर्ड बना वसूली का जरिया
वाहनों के साथ किस प्रकार वसूली की जाए इसके लिए अलग से व्यवस्था बनाई गई है। यहां कूपन और कोडवर्ड जैसे कि डबल एस, डबल टी., ए., ई., ओ. आदि जैसे शब्दों का प्रयोग कर यहां वसूली की जा रही है।

इन कूपनों को इस तरह से बनाया गया है कि वसूली करने वाला तुरंत समझ जाता है कि किस वाहन से कितनी अवैध वसूली करना है। कई बार तो ऐसी स्थिति बन जाती है कि कई ट्रक चालक इन कूपनों को ही अपने पास रखकर इन्हें पास के रूप में उपयोग करते है और बैरियर से प्रदेश की सीमा में प्रवेश और बाहर हो जाते है।

ऐसे में इन कूपनों के द्वारा अर्जित राशि को इन टोल बैरियर के कर्मचारी आपस में बंदरबांट कर लेते है। कुल मिलाकर राजस्व को नुकसान पहुंचाकर अपनी जेबें भरने का माध्यम से यह टोल प्लाजा बन रहा है।

इनका कहना है
मैंने तो निर्धारित सीमा से भी कम लोड भरकर अपने ट्रक चालक को ट्रक लेकर भेजा और जब वह टोल प्लाजा से होकर निकला तो यहां से निकलने के बदले में उससे जबरन वसूली की गई। जब टैक्स निर्धारित है कि वाहन के प्रवेश और बाहर के नाम पर कितने रूपये देना है तो उससे ज्यादा राशि क्यों वसूली जा रही है?लेकिन हम क्या करें माल भी कच्चा था इसलिए ट्रक चालक से जो राशि मांगी चुकानी पड़ी लेकिन इस तरह अवैध वसूली पर रोक लगनी चाहिए।
अमर सिंह
निवासी खरई,शिवपुरी
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