शिवपुरी। नगरपालिका में मंगलवार को अपीलीय समिति की बैठक की गई, जिसमें शहर के चर्चित बीआर टॉवर के मामले पर सवाल-जवाब हुए। बैठक में टॉवर मालिक की ओर से हाईकोर्ट के वकील राजेंद्र शर्मा ने अपनी बात रखी। लेकिन उसमें नगरपालिका की ओर से पक्ष रखने के लिए नपा का कोई भी वकील मौजूद नहीं रहा। अब अगली बैठक में इस मामले में फैसला किया जाएगा।
ज्ञात रहे कि शहर में हाईवे किनारे स्थित बीआर टॉवर पर नगरपालिका सीएमओ कमलेश शर्मा ने साढे नौ करोड रुपए का जुर्माना करते हुए यह चेतावनी दी थी कि यदि राशि जमा नहीं की गई तो उसे गिरा दिया जाएगा।
मामला हाईकोर्ट पहुंचा और हाईकोर्ट ने वापस नपा की अपीलीय समिति में सुनने के लिए आदेश दिए
बाद में इस मामले की सुनवाई करने के लिए आनन-फ ानन में अपीलीय समिति का गठन किया गया। जिसमें अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह, उपाध्यक्ष अनिल शर्मा अन्नी एवं दो निर्वाचित पार्षद बलवीर यादव एवं शाइस्ता कदीर को शामिल किया गया।
सूत्र बताते हैं कि मामला अपीलीय समिति में आ जाने की वजह से टॉवर संचालक महेंद्र गोयल ने सदस्यों से भी संपर्क किया था। मंगलवार को हुई बैठक में टॉवर मालिक की ओर से हाईकोर्ट के वकील ने तो पूरे तर्क रखे, लेकिन नपा का पक्ष रखने के लिए कोई भी वकील मौजूद नहीं रहा।
एडवोकेट श्री शर्मा ने कहा कि बेसमेंट पर साढे तीन करोड का जुर्माना गलत किया गया। उ मीद जताई जा रही है कि फैसला जब होगा तो जुर्माने की राशि कुछ कम हो सकती है, लेकिन गलती तो टॉवर मालिक ने की है। क्योंकि उसने आवासीय के नाम पर नगरपालिका से अनुमति लेकर व्यवसायिक उपयोग का भवन बना दिया।
कुल मिलाकर यह मामला नपा की गले की हडडी बन चुका हे इस मामले पर पूरे शहर की निगाहै है क्यो कि मामाला पूरे साढे नो करोड के जुर्माने की रकम के साथ-साथ शहर का विवादित मुद्दा तलघरो से जुडा है ।
अपने राम का तो इस मामले में यह कहना है कि यह जुर्माना अरोपित स्वयं नपा ने ही किया है अगर अपीलीय समिति जुर्माना कम करती है तो अधिकारी कार्यवाही की जद में आ सकती है। और यादि अपीलीय समिति ने नियमो के खिलाफ फैसला करती है तो अपीलीय समिति सदस्यों के गले की हडडी बन सकता है।
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