भरते ही रीत गया जाधव सागर, नजर आने लगे है मगरमच्छ

शिवपुरी। जाधव सागर में मौजूद एक सैकडा मगरमच्छों के जीवन पर संकट गहरा गया है, कारण सीवरेज खुदाई के कारण जाधव सागर की फोड़ी गई पार है इस वजह से रविवार को हुई तेज बारिश से शहर का सारा पानी बहकर जब जाधव सागर में गया तो पार फूटी होने की वजह से पानी जमा होने की बजाए सांख्य सागर झील में सीधे चला गया इस वजह से जाधव सागर में मौजूद मगरमच्छ नजर आने लगे।

वन विभाग ने यह कहकर मामले से पल्ला झाडा की छत्री ट्रस्ट जाधव सागर के मालिक हैं, उसे ही इंतजाम कराना है वहीं ट्रस्ट ऑफिसर का कहना है कि वो पीएचई के इंजीनियर को पत्र लिख रहे है।

शहर भ्रमण पर निकलने लगे है मगरमच्छ
पानी बह जाने की वजह से जाधव सागर में मौजूद एक सैकडा मगरमच्छों के जीवन पर संकट गहरा गया है मगरमच्छ नालों के रास्ते शहरी कॉलोनियों एवं सडकों पर घूमते नजर आ रहे हैं शहर की बैंक कॉलोनी में सोमवार को तब हडकंप मच गयाए जब मगरमच्छ रिहायशी कॉलोनी में आ गया और वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने दो घंटे मशक्कत करने के बाद उसे पकडा।

वन विभाग का कहना है कि बैंक कॉलोनी से होकर जाधव सागर की ओर जो नाला निकला है, उसी के रास्ते यह मगरमच्छ शहरी क्षेत्र में दाखिल हुआ है।

सीवरेज खुदाई का काम कर रही कंपनी जैन एंड राय ने इसमें लापरवाही बरती है पीएचई ने हालांकि छत्री ट्रस्ट को जाधव सागर में खुदाई करने के समय बतौर बैंक गारंटी कुछ पैसा जमा करा दिया था, लेकिन छत्री ट्रस्ट का कहना यह है कि छत्री रोड पर खुदाई करते समय जैन एंड राय कंपनी ने चिंताहरण मंदिर की भी कुछ दीवार तोड दी थी, इसलिए वो पैसा उसी के हर्जाने स्वरूप जब्त कर लिया गया है।

छत्री ट्रस्ट ऑफिसर अशोक मोहिते का कहना है कि 5 फीट पानी लगभग बह गया होगा अब पानी धीरे-धीरे बहेगा इसलिए मगरमच्छों पर इतनी जल्दी संकट नहीं आएगा हालांकि वन विभाग का मानना है कि मगरमच्छ जैसे ही उथले पानी पर नजर आएए वो अपना आशियाना दूसरी जगह तलाशने के लिए इधर-उधर निकलेगें

वनविभाग का कहना है मकान पर नही किराएदारो पर हक
वन विभाग के डायरेक्टर नरेन्द्र कुमार का कहना है कि जाधव सागर से वन विभाग का कुछ विशेष ज्यादा लेना-देना है नहीं चूंकि वन्य प्राणी जाधव सागर में रहते हैं, इसलिए उनकी देखरेख करने के लिए वन अमला वहां पहुंच जाता है, लेकिन जाधव सागर की मेंटेनेंस और पार को जोड़ने का काम छत्री ट्रस्ट को ही करना है।