शिवपुरी। करैरा थाना क्षेत्र के ग्राम चौका में बुधवार को सुबह एक महिला सीमा बरार की आग लगने से हुई मौत के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। सूत्र बता रहे है कि महिला को जिंदा नही फूका बल्कि पति और चचिया ससुर से परेशान होकर की थी सीमा बरार ने खुद अग्निस्नान किया है।
घटना के समय मृतक महिला सीमा की पुत्री जूली और पुत्र भी मौजूद था और जूली ने पुलिस को दिये गये बयान में बताया कि उसकी मां को गंगू खंगार और पपलो खंगार ने जलाकर मारा था।
पुलिस ने अब इस मामले का खुलासा कर दिया है। पुलिस जांच में स्पष्ट हुआ है कि महिला ने स्वयं आत्मदाह अपने पति और चचिया ससुर की प्रताडऩा के कारण किया था तथा उसके बच्चों को अपने दुश्मनों के खिलाफ बयान देने के लिए महिला के देवर ने भड़काया था।
सूत्र बताते हैं कि इस मामले में शीघ्र ही पति, चचिया ससुर और देवर के खिलाफ आत्महत्या उत्प्रेरण का मामला दर्ज किया जायेगा।
विदित हो कि दो दिन पूर्व सीमा बरार को जली हुई अवस्था में जिला चिकित्सालय लाया जा रहा था जहां उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था। यह घटना जिलेभर में चर्चा का विषय बन गई और पुलिस भी इस मामले में चकरघिन्नी हो गई, लेकिन अब पुलिस मामले की तह तक पहुंच गई है और मृतिका की 12 वर्षीय पुत्री जूलि वंशकार द्वारा बताई गई कहानी गलत साबित हुई।
मामले में जो कहानी सामने आई है उसमें सूत्र बताते हैं कि मृतिका मीना को उसका पति रामसेवक बरार छोडऩे की फिराक में था। उसे अपनी पत्नि पर अवैध संबंधों का शक था।
रामसेवक समझता था कि उसकी पत्नी के उसके चाचा से अवैध संबंध हैं। इसी कारण रामसेवक अपनी पत्नी को निरंतर प्रताडि़त करता रहता था जिससे तंग आकर सीमा बरार ने आत्मदाह कर ली।
जब यह घटना घटित हो गई तो मीना के पति और परिवारवालों की रंजिश गंगू खंगार और पपलो खंगार से थी तो इन्हें फंसाने के लिए मीना के देवर ने दोनों बच्चों को बहलाया फुसलाया।
जिस कारण 12 वर्षीय जूली ने पुलिस को बयान दिया कि गंगू खंगार और पपलो खंगार उसकी मां को ले जाना चाहते थे जब मां ने विरोध किया तो दोनों आरोपियों ने मिट्टी का तेल डालकर उसे जला दिया। लेकिन बच्चों के बदलते बयान से पुलिस ने अपनी जांच की दिशा बदली जिससे इस पूरे मामले का खुलासा हो गया।
