ललित मुदगल एक्सरे/शिवपुरी। शिवपुरी में सेनेट्री व्यवसाई की छेड़छाड की खबर पिछले पांच दिनो की सबसे ज्यादा जनचर्चा में रही है। इस खबर पर कई तरह की प्रतिक्रियाए शहर से आ रही है। सोशल मीडिया पर इस खबर पर बडी बहस बन गई है। आइए इस मामले का शिवुपरी समाचार डाट कॉम पर एक्सरे करते है।
शहर के सभी समाचार पत्रों ने इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। पूरे शहर में व्यापाारी की पहचान हो चुकी है। एफबी पर एक पत्रकार भाई ने व्यापारी की फर्म को भी ओपन कर दिया है। और हमारे पत्रकार साथी की इस पोस्ट पर एक लंबी बहस हो रही है।
दूसरा इस पूरे प्रकरण तब और पेंच आ गया कि इस व्यापारी के समर्थन में भी कुछ पोस्ट एफबी पर आगई। इस पोस्ट में लिखा गया था कि व्यापारी को उनका लेनदेन है और इस कारण उक्त व्यापारी की मारपीट की गई थी और यह आफवाह उडा दी कि व्यापारी ने छेडछाड भी कर दी थी।
चलो एक मिनिट के लिए मान लेते है ऐसा ही हुआ होगा, परन्तु यहां एक सवाल का जन्म हो रहा है कि व्यापारी के साथ लेनदेन के कारण विवाद हुआ और उसकी मारपीट की गई और उसकी गाडी को तोड दिया तो व्यापारी पुलिस के पास क्यों नही गए और इस घटना को पांच दिन हो गए है। व्यापारी ने मात्र एक आवेदन भी पुलिस को नही दिया।
यह सवाल उस पोस्ट के सामने खडा होता है जो व्यापारी के समर्थन में डाली गई। व्यापारी खुल कर इन खबरों के सामने क्यों नही आ रहा है।
जनचर्चा में यह भी कहा जा रहा है कि उक्त छेडछाड के मामले को कांग्रेस के पूर्व विधायक ने सुल्टवाया है। समाज उसको भी दम से कोस रहा है कि इतने जिम्मेदार व्यक्ति ने इस घिनौनि करतूत का समर्थन दिया।
जनचर्चा में यह भी है कि लडकी का पीडित पक्ष को पैसे देकर मामला शांत कर दिया है। यह भी कहा जा रहा है कि उक्त व्यापारी ने धमकी देकर भी पीडि़त पक्ष को डरा दिया होगा।
जनचर्चा में यह भी कहा जा रहा हे कि उक्त व्यापारी का यह पहला काण्ड नही है वह इससे पूर्व भी तीन-चार बार ऐसी हरकत कर चुका है, लेकिन पीडि़त पक्ष कभी भी सामने नही आया। हर बार पैसे की दम से पीडित पक्ष का शांत कर दिया जाता है। इस बार तो यह मामला इसलिए उजागर आ गया क्योकि घटना पब्लिकप्लेस हुई थी।
पूरे शहर में यह चर्चा जोरो पर है जब पीडि़त पक्ष सामने नही आया पुलिस को अपने स्तर पर जांच करनी चाहिए थी। अगर व्यापारी का वास्तव में पैसे के लेन-देेन के कारण मारा पीटा है तो पीटने वालो पर मामला दर्ज हो। अगर ऐसा नही है मामला वास्तव में छेड़छाड़ का है तो उक्त व्यापारी पर मामला दर्ज करना चाहिए। नही तो उक्त व्यापारी आगे कोई भी ऐसी बडी घटना कर सकता है।
ऐसे तत्वों को सलाखों के पीछे भेजना जरूरी है, अन्यथा इनकी हिम्मत बढ़ती जाएगी और मासूमों से रेप के मामले पुलिस के लिए सिरदर्द बन जाएंगे। कहीं ऐसा तो नहीं कि पीड़ित परिवार के बाद पुलिस परिवार तक भी व्यापारी महोदय के रंगीन लिफाफे पहुंच गए हैं। जो पीड़ित परिवार को चुप करा सकता है, जो अपने समर्थन के लिए विधायक को खरीद सकता है उसने पुलिस को भी चुप कराने के लिए कुछ तो किया होगा...। वरना शिवपुरी की पुलिस इतनी मासूम भी नहीं कि सर्वाधिक चर्चा का विषय बने एक अपराध पर चुपचाप बैठी रहे।
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