शिवपुरी। वर्षा ऋतु को देखते हुए डेयरी संचालकों ने दूधियों के दूध के दाम 2 रुपये लीटर कम कर दिए तो इससे खिन्न होकर दूधियों ने हड़ताल कर दी। आज लगातार दूसरे दिन शहर में दूध की सप्लाई नहीं हुई। दूध के लिए नागरिक भटकते देखे गये।
सांची का दूध खरीदने वालों का आज तांता लगा रहा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में दूध लेने के लिए शिवपुरीवासी पहुंचे जहां किसी को दूध मिला तो किसी को निराश होकर लौटना पड़ा। बताया जाता है कि दूध की हड़ताल कल तीसरे दिन भी जारी रहेगी। वहीं प्रशासन दूधियों और डेयरी संचालकों के बीच मध्यस्थता कराने की कोशिश कर रहा है लेकिन सफलता हासिल नहीं हो पा रही है।
डेयरी संचालकों ने जब दूध के दाम 32 रुपये लीटर से घटाकर 30 रुपये लीटर कर दिया तो दूधिये विद्रोह पर उतारू हो गये। उनका कथन है कि भले ही जुलाई आ गई हो लेकिन अभी तक पानी नहीं बरसा है और हरी घास भी नहीं ऊगी है ऐसी स्थिति में दूध के दाम कम किये जाना उचित नहीं है।
बात जब नहीं बनी तो 16 जुलाई से दूधियों ने डेयरी संचालकों को दूध देना बंद कर दिया। शिवपुरी में प्रतिदिन दूध की खपत लगभग 80 से 100 क्विंटल के मध्य है। यह दूध आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से शिवपुरी में आता है। दूधिये डेयरी संचालकों और हलवाईयों को थोक मेें दूध देते हैं तथा चार रुपये लीटर मुनाफा कमाकर इसे फिर आम जनता को दिया जाता है।
दूधियों का कहना है कि उनके दाम कम करने की अपेक्षा हलवाई और डेयरी संचालक अपना मुनाफा क्यों नहीं कम कर लेते। दूधियों की हड़ताल से शहर की दुग्ध व्यवस्था तहसनहस हो गई। शहर के चारों नाकों पर दूधियों ने नाकेबंदी कर दी ताकि कोई भी शहर में दूध लेकर न आ सके।
पहले दिन दुग्ध की आपूर्ति सांची दूध से किसी तरह की गई। सांची का दूध 36 रुपये से लेकर 46 रुपये लीटर में शहर में बिका और प्रतिदिन की अपेक्षा इस दूध की दुगुनी सप्लाई हुई। आज सुबह से ही दूध के लिए बर्तन लेकर लोग भटकते देखे गये।