मुन्ना के करनामों से दहशत में है पीआईसी, बैठक में नही पहुंचे सदस्य

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शिवपुरी। नगरपालिका हितों के विपरीत कार्य करने के आरोप में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के तारत य में निवर्तमान नपाध्यक्ष रिशिका अष्ठाना और उनकी पीआईसी के सदस्यगण मथुरा प्रजापति, नीरज बेडिय़ा, भोपाल सिंह दांगी, शकुन भदौरिया, यशोदा शर्मा और गोपाल यादव को पद से हटना पड़ा था।

इसकी दहशत इतनी कायम है कि दो दिन पहले अचानक बुलाई गई पीआईसी की बैठक में अधिकतर सदस्य उपस्थित नहीं हुए। अनुपस्थित रहने वाले सदस्यों में श्रीमती मुन्नी अग्रवाल, श्रीमती ज्योति धाकड़, आकाश शर्मा, इस्माइल खां आदि कांग्रेस सदस्य शामिल थे जबकि भाजपा की श्रीमती मालती जैन भी बैठक में नहीं पहुंची।

जिस कारण पीआईसी की बैठक नहीं हो सकी और उसे टाल दिया गया। बाद में कांग्रेस के अनुपस्थित सदस्यों ने हस्ताक्षरित शिकायत केन्द्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से की तथा उनसे अपनी आपत्तियों को दर्ज कराया।

इसके बाद सूत्र बताते हैं कि नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह से बातचीत की गई और विवादित बिंदुओं को एजेंडे से हटा लिया गया तत्पश्चात दूसरे दिन पीआईसी की बैठक संपन्न हुई लेकिन दहशत का वातावरण इतना रहा कि मीडिया को फोटो सेशन से भी मना कर दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 23 जुलाई को अचानक पीआईसी की बैठक बुलाई गई। बैठक की एक दिन पूर्व 22 जुलाई की शाम को पीआईसी सदस्यों को सूचना दी गई और सूचना के साथ 70 पारित किये जाने वाले अनुसूची संलग्न की गई।

इस एजेंडे में पूर्व परिषद के विवादित कार्यों को भी शामिल किया गया। जिनका भुगतान गुणवत्ताविहीन कार्य और अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन के कारण रोक दिया गया।

मु य रूप से वार्ड क्रमांक 7 में नाली निर्माण कार्य की लगभग 10 लाख रुपये की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति दिया जाना था। इसके अलावा मनियर तालाब के जीर्णोद्धार की अतिरिक्त व्यय की स्वीकृति भी एजेंड़े में शामिल थी वहीं वार्ड क्रमांक 31 में स्थित विवेकानंद पुरम में कुलश्रेष्ठ के सामने पार्क निर्माण की समयावधि बढ़ाना भी एजेंडे में शामिल था।

इस पर वार्ड के  पार्षद पंकज महाराज ने आपत्ति दर्ज कराई थी लेकिन इसके बाद भी समयावधि बढ़ाने का निर्णय पीआईसी की बैठक में शामिल किया गया था।

वार्ड क्रमांक 7 की पार्षद श्रीमती ज्योति धाकड़ ने बताया कि उनके वार्ड में उनके पूर्व यदि कोई निर्माण कार्य हुआ है तो उसकी जि मेदारी वित्तीय रूप से वह कैसे ले सकती है। श्रीमती धाकड़ का समर्थन पीआईसी के अन्य सदस्य इब्राहिम खां, आकाश शर्मा, मुन्नी अग्रवाल ने भी किया।

सूत्र बताते हैं कि इसके बाद श्री सिंधिया को फैक्स भेजकर अनुपस्थित सदस्यों ने अपना अभिमत व्यक्त कर दिया इसका परिणाम यह हुआ कि विवादित बिंदुओं को एजेंडे से अलग कर दिया गया और फिर दूसरे दिन पीआईसी की बैठक अचानक आहूत कर एजेंडा पारित करा लिया गया। 

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