शिवपुरी। बीती 9 जून को कृषि उपज मण्डी शिवपुरी में होने वाली नीलामी मे भ्रष्टाचार की शिकायते मिल रही है बताया गया है नीलामी में बोली लगाने में कुछ इस निविदा में शामिल होने वाले को गेट बहार ही रोक दिया गया और मण्डी समिति ने अपने चहेतो को नीलामी की बोली लगवा दी है।
बीती 9 जून 2015 को कृषि उपज मण्डी समिति शिवपुरी द्वारा आदेश क्रमांक/मण्डी/स्टोर/2015-16/234 के आदेश पर निकली वाहन नीलामी विज्ञप्ति में शामिल होने वाले लोगों का आरोप है कि कृषि मण्डी द्वारा जब वाहन नीलामी की विज्ञप्ति प्रकाशित कराई गई तभी हमने इस नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने की प्रक्रिया की और आज जब वाहन नीलामी होनी थी तो मण्डी प्रबंधन ने एकाएक नीलामी प्रक्रिया में हमें भाग नहीं लेने दिया और पूरी प्रक्रिया ही हो गई।
ऐसे में मण्डी प्रबंधन ने यह सांठगांठ के तरीकों और भ्रष्टाचार के चलते इस नीलामी प्रक्रिया को पूरा किया है इसलिए मामले की जांच की जाए। इस संबंध में नीलामी में भाग लेने वाले लोगों ने एडीएम जेड.यू.शेख को लिखित शिकायत कर उचित कार्यवाही की मांग की।
मण्डी समिति द्वारा निकाली गई वाहन नीलामी में वाहन जीप महिन्द्रा डी.आई. वाहन क्रं.सी.पी.डब्लू 0925 व टूसीटर टै पो एमपी डब्लयू 4769 की नीलामी की जानी थी इसके लिए 1000 रूपये सिक्युरिटी के रूप में जमा होनी थी। इस नीलामी में भाग लेने आए
वीरेन्द्र खटीक पुत्र बृजलाल खटीक निवासी संजय कॉलोनी, गिर्राज गुप्ता पुत्र स्व.द्वारका प्रसाद गुप्ता निवासी लोहिया बाजार ग्वालिर, लक्ष्मण सिंह पुत्र हीरालाल कुशवाह निवासी लोहिया बाजार ग्वालियर, काशीराम पुत्र स्व.दुर्गाप्रसाद माहौर निवासी टी.पी.नगर ग्वालियर एवं मुन्ना लाल निवासी नाका चन्द्रवदनी ग्वालियर आदि ने मिलकर समाचार पत्र की विज्ञप्ति अनुसार बताए पते पर पहुंचे और यहां 23 जून को समय दोप.1 बजे इन्हें मण्डी प्रांगण के बाहर ही रोक दिया गया
और कहा कि नीलामी प्रक्रिया करने वाले अभी कुछ दस्तावेजों की फोटोकॉपी कराने गऐ है इस पर जब 01 घंटा बीत गया और नीलामी का समय दोप.2 बज गए तो मण्डी प्रबंधन ने इन सभी लोगों को नीलामी प्रक्रिया में भाग नहीं लेने दिया जबकि यह सभी लोग सिक्युरिटी जमा कर नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने आए थे।
इन सभी ने इस मामले की शिकायत 24 जून को एडीएम जेड.यू.शेख को लिखित रूप से की और नीलामी प्रक्रिया पर सांठगांठ व भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। इन सभी लोगों ने मण्डी सचिव व जयपाल बाबू द्वारा इन्हें गुमराह कर समय निकाल देने की बात कही और इन सब की अनुपस्थिति में ही नीलामी प्रक्रिया पूरी हो गई। इन्होंने मांग की यह प्रक्रिया निरस्त मानकर पुन: नीलामी प्रक्रिया कराई जावे। एडीएम ने इस मामले में जांच कर कार्यवाही की बात कही है।