पानी के लिए सारा शहर ही सत्याग्रहीयो के साथ, बंद सफल, काले पडे नेताओ के चेहरे

शिवपुरी। आज जलक्रांति के सत्याग्रहिओ के आग्रह पर व्यापार मंडल का स्वैछिक शहर बंद सफल हुआ है। आज सारा शहर ही सत्याग्रही हो गया। शिवपुरी में आज ठेले बाले दुकानदार से लेकर सारा शहर बंद रहा है। माना जा रहा है कि उत्सव हत्याकाण्ड के बाद शहर ऐसा बंद हुआ है।

पीने के लिए पानी के लिए जलक्रांति सत्याग्रह आंदोलन पब्लिक पार्लियामेंट के द्ववारा आज पांचवे दिन भी जारी रहा है। इसी क्रम आज इस आंदोलन के जनक शिक्षाविद मधुसुदन चौबे सर आज जलक्रांति के मंच पर क्रमिक अनशन पर बैठे है।

पब्लिक पार्लियामेंट के आग्रह पर व्यापार मंडल ने आज शहर को स्वैच्छिक बंद का ऐलान किया था और आज पूरा शहर बंद था व्यापारियों के इस बंद से ऐसा लग रहा था हम मंंच पर नही तो क्या हम इस आंदोलन के स ार्थन में सदैव है और इसका उदाहरण इस बंद को सफल कर दिया है। आज ऐसा लग रहा था कि कि पूरा शहर ही जल के लिए सत्याग्रह कर रहा है।

बाजार बंद कराने के लिए हालांकि युवाओं की टोली नगर में घूम रही थी। शहर के प्रमुख स्थल गांधी चौक, माधवचौक, सदर बाजार, निचला बाजार, कोर्ट रोड, हलवाई खाना, आर्य समाज रोड, कमलागंज, पुरानी शिवपुरी, लखेरा गली, पताशा गली, सुनार गली, अस्पताल चौराहा, पोहरी बस स्टेण्ड सहित शहर के सभी व्यवसायिक स्थलों पर बंद का आलम रहा। पब्लिक पार्लियामेंट के धरना स्थल पर भी आज जमकर भीड़ उमड़ी। जिनमें बड़ी सं या व्यापारियों और युवाओं की रही। जिन्होंने कहा कि पानी के लिए वह हर तरह की कुर्बानी के लिए तैयार हैं। खास बात यह रही कि शिवपुरी बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा. 

हम पाठको को जानकारी दे दे कि शिवपुरी के प्सासे कंठो के प्यास बुझाने के जलावर्धन योजना शुरू की थी इस
योजना के तहत मडीखेडा डेम से लाईन डालकर शहर को पानी सप्लाई करना था। अपने निर्धारित समय से यह योजना 5 साल बाद शुरू हुई थी और 6 साल काम शुरू हुए हो गया और फिर यह योजना राजनिती और प्रशासनिक फेर में पड कर बंद हो गई।

इस योजना पर अभी तक 64 करोड रूपए खर्च हो चुके है। और योजना पर काम करने वाली दोशियान कंपनी इस काम को छोडकर भाग गई सरकारी इस कंपनी पर एक अदद सी एफआईआर भी नही करवां सकी और नेता लगातार काम शुरू करने का वादा कर रहे है। 

शिवुपरी के नागरिको ने अत: यह समझ लिया कि यह योजना अब बिना आंदोलन के शुरू नही होगी क्योकि इसमें इतने तकनीकी पेच फस चुके है और एनओसी के चक्कर में मामल देश के सर्वोच्च न्यायालय तक पंहुच चुका है.

एड.पीयूष शर्मा ने इस योजना की पूर्णता को लेकर हाईकोर्ट में भी पीआईएल दायर की हाईकोर्ट ने इस योजना की जांच के लिए तीन सदसीय कमेटी भी बनाई और इस कमेटी ने इस योजना में 14 करोड का घोटाला सिद्व किया है और जांच रिर्पोट सरकार को सौप दी है। इस घोटाले के बहार आने से कोढ में खाज हो गया।

कुल मिलाकर जनता ने अपना हक मांगना शुरू कर दिया है अभी आंदोलन प्रारभिक चरण में है इस आंदोलन को प्रतिदिन कोई ना कोई संगठन अपना समर्थन दे रहा है अ ाी लगभग सभी पार्टियो ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दे दिया है बस भाजपा ने नही।

यह पूरा आंदोलन शिवपुरी के प्रतिनिधियो की कार्यप्रणाली को फैलियर सिद्व करता है आज बिना किसी दल या नेता के बिना यह बंद इस बात को प्रमाणीत करता है। इस आंदोलन में आम आदमी के अपने मन से सडक पर आने से शहर के नेताओ के चेहरे काले पडने लगे है और वह किसी ना किसी तरह इस आंदोलन के मंच पर सरकने का प्रयास कर रहे है।