जब तक शिवपुरी जलावर्धन नहीं, माला नहीं पहनूंगी: यशोधरा राजे सिंधिया

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शिवपुरी। अचानक से शिवपुरी पहुंची शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे शिवपुरीवासियों को जलावर्धन को लेकर कोई ठोस जबाव नही दे सकीं पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह अपनी और सरकारी दांव पेचो की मजबूरीयां गिनाती नजर आई। उन्होंने अगले 1 साल में योजना को पूर्ण करने का आश्वासन तो दिया परंतु ठंडी सी आवाज में। हां, इतना संकल्प जरूर लिया कि जब तक जलावर्धन योजना पूरी नहीं हो जाएगी, माला नहीं पहनूंगी। परन्तु पब्लिक पार्लियामेंट इन मजबूरीयों से नही पिघली और लिखित समय की मांग की।

प्रेस वार्ता में शिवपुरी विधायक राजे ने कहा कि शिवपुरी की जलावर्धन योजना की पूर्णता को लेकर मैं भी प्रयासरत हॅू और यह योजना मैंने जनहित में स्वीकार कराई थी इसलिए मैं भी जनता को आश्वस्त करती हॅू कि इस योजना में अड़ंगा लगाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और मामले की जांचोपरांत कार्यवाही की जाएगी, इसके अलावा जब तक योजना शुरू नहीं हो जाती तब तक मैं माला नहीं पहनूंगी।

जलावार्धन को लेकर 02 को बैठक भोपाल में
इस अवसर पर उद्योग मंत्री ने कहा कि योजना की पूर्णता को लेकर 02 जुलाई को भोपाल में आयोजित बैठक को महत्वपूर्ण मानी जाएगी जिसमें दोशियान कंपनी के मालिक भी मौजूद रहेगें। इसके अलावा स्थानीय प्रशासन की मौजूदगी भी रहेगी ताकि निष्कर्ष निकाला जाएगा कि आखिर योजना में अड़ंगा क्यों और किसने डाला।

माला नहीं पहनने का लिया संकल्प
शिवपुरी प्रवास पर आई उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया आज काफी खिन्न नजर आई। उन्होंने पत्रकारों के बीच अपनी बात रखते हुए कहा कि जलावर्धन योजना का कार्य जब तक शुरू नहीं होता तब तक वह माला नहीं पहनेंगी इसके अलावा इस योजना में जिसने भी अड़ंगा लगाया है उसे ब शा नहीं जाएगा। यशोधरा के इन तेवरों को देख वहां मौजूद प्रशासनिक दल भी सिरह उठा।

इंटैकबैल से शुरू होगा काम
उद्योग मंत्री ने कहा कि शिवपुरी में जलावर्धन योजना का शीघ्र ही इंटैकबैल से शुरू होगा। इसके अलावा एनएचएआई द्वारा बनाए जा रहे फोरलेन निर्माण के दौरान भी जलावर्धन की पाईप लाईन को दिक्कत आएगी इसलिए ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि पाईप लाईन भी सुरक्षित रहे और फोरलेन का निर्माण भी होता रहे। इसके अलावा पीएचई, नपा व सुप्रीम कोर्ट में लंबित समस्या पर भी ध्यान दिया जाएगा।

जलक्रांति को मनाने में नाकामयाब रही राजे
इस दौरान पत्रकारों द्वारा किए गए सवाल कि जल क्रांति आन्दोलन को स्थगित माना जाएगा इस पर वह कुछ नहीं बोलीं लेकिन आन्दोलन की रूपरेखा को उन्होंने सराहा, बाबजूद इसके काफी मान-मनोब्बल के बाद भी वह जल क्रांति आन्दोलन के कर्ताधर्ताओं को साधने में असफल रही और आज भी यह आन्दोलन प्रतिदिन की भांति जारी रहेगा। भले ही वह जलक्रांति आन्दोलन को साधने का प्रयास करती रहीं लेकिन जल क्रांति आन्दोलन के मुखिया नहीं मानें और यशोधरा राजे इन्हें मनाने में नाकामयाब रहीं।

लिखित आश्वासन नहीं तो जारी रहेगा आन्दोलन
जल क्रांति आन्दोलन के मुखिया मधुसूदन चौबे का कहना है कि आश्वासन तो हर कोई दे जाता है लेकिन हमें आश्वासन नहीं काम चाहिए और जब तक लिखित में योजना की पूर्णता को लेकर आदेश नहीं दिया जाएगा आन्दोलन जनहित में जारी रहेगा।

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