शिवपुरी। कलेक्टर द्वारा गांधी पार्क मैदान में किसानों के ट्रेक्टर-ट्रॉलियों को वहां से हटाकर नया बस स्टेण्ड में लगाने के आदेश से नाराज किसानों ने आज जमकर हंगामा मचाया और दो घंटे तक हाईवे बाधित कर दिया।
किसानों की मांग थी कि उन्हेें पुराने स्थान पर ही प्याज विक्रय करने की अनुमति दी जाये। हंगामा बढ़ता देख प्रशासन ने किसानों की मांग को मानते हुए व्हीटीपी स्कूल के खाली पड़े मैदान में तात्कालिक रूप से प्याज विक्रय करने की अनुमति दी इसके बाद जाम खोला गया और किसानों का आक्रोश शांत हुआ।
वहीं आज शाम प्रशासन और किसानों के बीच स्थान को लेकर बैठक आयोजित की जायेगी जिससे भविष्य में ऐसी समस्या उत्पन्न न हो।
प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों द्वारा कृषि उपज मण्डी के सामने स्थित गांधी पार्क मैदान में ट्रेक्टर-ट्रॉली लाकर प्याज बेचने का कार्य किया जाता है जिसे कल कलेक्टर के आदेश के बाद ट्रेक्टरों को गांधी पार्क में प्रवेश नहीं दिया और पार्क के सभी रास्तों पर गहरे-गहरे गड्ढे खोद दिये गये जिससे रास्ता भी बंद हो गया।
आज सुबह जब किसान अपने वाहनों को लेकर वहां पहुंचे तो उन्हें जानकारी लगी कि वह नये बस स्टेण्ड पर पहुंचकर अपना माल बेचें जिस पर किसान प्रशासन द्वारा निर्धारित किये गये स्थान पर पहुंचे, लेकिन व्यापारी वहां माल खरीदने नहीं आये जिससे किसानों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ी और किसानों ने प्रशासन के इस आदेश को ज्यादती बताते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
इसके बाद भी किसानों की समस्या को प्रशासन ने नहीं सुना तो आक्रोशित किसानों ने हाईवे पर जाम लगा दिया जिससे दोनों ओर बड़ी सं या में वाहनों की कतारें लग गई और आवागमन अवरूद्ध हो गया।
इसके बाद एसडीएम नीतू माथुर अपने दलबल सहित वहां पहुंची और किसानों की बात को सुना। इसके बाद प्रशासन किसानों की मांगों के समक्ष झुका और उन्हें व्हीटीपी स्कूल के पास मैदान में वाहनों को खड़े करने की अनुमति दी।
व्यापारियों को लेकर भी किसानों में था रोष
प्रशासन द्वारा खरीदी का स्थान परिवर्तन किये जाने से किसानों को कोई ऐतराज नहीं था, लेकिन व्यापारी वहां खरीदी के लिए नहीं पहुंचे जिस कारण यह स्थिति निर्मित हुई।
किसानों का कहना था कि उन्हें तो अपना माल बेचना है वह कहीं भी बेचें, लेकिन व्यापारियों उनका माल खरीदने वहां नहीं पहुंच रहे हैं जिससे उन्हें काफी नुकसान हो रहा है। एक ओर जहां उनके ट्रेक्टर का भाड़ा बढ़ रहा वहीं गर्मी अधिक होने के कारण उनका माल भी खराब होने की कगार पर है और उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है।