14 करोड के भ्रष्टाचार के आंकठ में डूब गई शिवुपरी की जलावर्धन योजना

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शिवपुरी। शहर के प्यासो कंठो की प्यास बुझाने वाली जलावर्धन योजना इस समय बैलनिंटेर पर है। करोड़ो रूपए इस प्रोजेक्ट पर खर्च हो चुका है,और नतीजा शहर पानी के दो बूंदो को भी तरसता दिख रहा है।

आखिर क्यो नही शुरू हो पा रहा है शिवपुरी की जलावर्धन योजना पर काम,इस काम की शुरूवात को लेकर शिवपुरी में पहली जलआंदोलन शुरू हो रहा है,इस आंदोलन की पहली पत्रकार वार्ता में जलावर्धन योजना का 14 करोड का घोटाला सामने आ गया है।

इस पत्रकार वार्ता में मिडिया को एड.पीयूष शर्मा ने बताया कि जब मैने हाईकोर्ट में पीआईएल लगाई थी तो राज्य शासन ने योजना में अभी तक हुए कार्यों का भौतिक सत्यापन कराने के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास मप्र भोपाल संजय शुक्ला ने 15 दिसंबर 2014 को तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई।

जिसमें सुधीर सक्सैना तकनीकी सलाहकार भोपाल, आरएन सिंह कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग खंड शिवपुरी एवं बीके करैया संभागीय कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर संभाग, को शामिल किया गया। जांच टीम को न केवल हुए कार्य का ब्यौरा, बल्कि उसमें खर्च राशि एवं उसे पूर्ण करने के सुझाव भी देने थे।

जांच टीम ने यह मिला घोटाला
तीन सदस्यीय जांच टीम ने रॉ-वाटर पंप, रॉ-वाटर राई गिनमैन, फिल्टर प्लांट, क्लियर वाटर पंप, क्लियर वाटर पंप, क्लियर वाटर पंपिंग मेन, फीडर मैन, ओवर हैड टैंक 12 नगए डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क, फिल्टर प्लांट, बाउंड्रीवॉल एवं स्टाफ क्वाटर, विद्युत लाइन एवं उपकेंद्रए आदि सभी का अवलोकन किया।

वर्तमान स्थिति तक हुए काम का आंकलन करने पर टीम ने पाया कि यह कार्य 22 करोड़ 6 लाख 24 हजार रुपए का किया गया। जबकि इसके विरुद्ध निर्माण एजेंसी नगरपालिका, को 36 करोड़ 6 लाख 68 हजार रुपए का भुगतान शासन के मद से किया गया है। समिति का अनुमान है कि निर्माण एजेंसी को 14 करोड़ 44 लाख रुपए का भुगतान बिना काम के अधिक कर दिया गया।

शिवपुरी समाचार डाट कॉम को  इस योजना पर काम कर रही कंपनी के कमीशन की हिसाब की एक सीट हासिल हुई है देखे कैसे और कितना प्रतिशत बंटता था कमीशन


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