14 साल से एक ही कुर्सी पर चिपका है एक अधिकारी

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शिवपुरी। फैबीकॉल के जोड की एक सीमा होती है परन्तु शिवपुरी के एक अधिकारी का उनकी कुर्सी से जोड फैबीकॉल से भी ज्यादा मजबूत है, यह अधिकारी लगातार 14 साल से शिवुपरी की कुर्सी से चिपके है। बताया गया है कि यह जोड भ्रष्टाकॉल का है जो इतनी मजबूती से जुडा हुआ है। और भी बहुत खूबिया है इस भ्रष्टाकॉल में, आगे का समाचार पढिए:

मप्र लघु वेतन कर्मचारी संघ शिवपुरी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ.एम.सी.तमोरी द्वारा नियम कानूनों का उल्लंघन कर अपने पद पर बीते 14 वर्षों से डटे हुए है। ऐसे में शासन की नियम प्रक्रिया जब 03 साल की है तो फिर यह अधिकारी क्यों इतने वर्षों से एक ही जगह पदस्थ है इस मामले की जांच की जाना आवश्यक है।

संघ के रामप्रसाद रजक का कहना है कि उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवा अधिकारी ने अपने पद का दुरूपयोग किया है पूर्व में जब वर्ष 2002 में वह शिवपुरी में पदस्थ थे तो लग रहा था कि शीघ्र अपने कार्यकाल समाप्त कर वह अन्यत्र जिले में पदस्थ हो जाऐंगें लेकिन यहां नियम कानूनों को धता बताकर आज भी यह अपने पद पर डटे हुए।

ज्ञापन में संघ ने आरोप लगाए कि इस अधिकारी द्वारा राजपत्रित अधिकारियों एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र के अधिकारियों के यात्रा देयकों के भुगतान पर डीए की राशि तक काट ली गई इसके अलावा अन्य प्रमाण भी है जिससे यह पता चलता है कि पशु चिकित्सा विभाग में इस अधिकारी ने किस प्रकार से अपने पद का दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है।

प्रभारी मंत्री को भी की है लिखित शिकायत
अपनी प्रेस विज्ञप्ति में मप्र लघु वेतन कर्मचारी संघ के विभागीय अध्यक्ष रामप्रसाद रजक, जिलाध्यक्ष कोमल सिंह रजक, कोषाध्यक्ष भागीरथ प्रसाद, सचिव गोकलेश माथुर, ब्लॉक अध्यक्ष प्रदीप बाथम, उपाध्यक्ष बलराम धाकड़, प्रचार मंत्री महेश यादव, महिला अध्यक्ष श्रीमती तुलसी बाई व महिला सचिव श्रीमती केशर बाई ने लिखित रूप से प्रभारी मंत्री को सौंपे ज्ञापन में बताया कि पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी डॉ.एम.पी.तमोरी बीते लंबे समय से व्ही.एस. के पद पर आदेश क्रमांक 12271 दिनांक 14.10.2002 मु य ग्राम खण्ड शिवपुरी पर  11.12.2012 तक पदस्थ रहे है उसके बाद उप संचालक के पद पर पदोन्नत होकर शिवपुरी में ही दिनांक 12.12.2012 से कार्यरत है

इस प्रकार 2002 से लेकर वर्ष 2015 तक एक ही स्थान (शिवपुरी जिले) पर बीते 14 वर्ष होने जा रहे है इतने वर्षों में इन्होंने कुछ जनप्रतिनिधियों से मधुर संबंध बनाकर अपने पद का दुरूपयोग किया है एवं अपने तानाशाही रवैये के साथ अधिनस्थ कर्मचारियों को ाी ना-ना प्रकार से परेशान किया है एवं शासकीय योजनाओं का दुरूपयोग कर उन्हें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया है जिसकी पुष्टि के लिए मय प्रमाण भी मप्र लघु वेतन कर्मचारी संघ ने प्रभारी मंत्री व जिले के कलेक्टर को भी सौंपे है।

इनका कहना है-
मुझ पर लगे आरोप सही नहीं है वर्ष 2002 से यदि मैं पदस्थ होता तो शासन मुझे कहीं और भेजा देता लेकिन मैं उप संचालक के रूप में वर्ष 2012 में पदस्थ हुआ है इसलिए यह पदीय दायित्व निभा रहा हॅू। जो शिकायत कर रहे है वह मुझसे द्वेषपूर्ण भावना रखते है इसलिए ऐसा कर रहे है।
डॉ.एम.सी. तमोरी
उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाऐं, शिवपुरी

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