एक्सरे@ललित मुदगल
शिवपुरी। शिवुपरी नगर का जलसंकट इस देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी को भी ज्ञात है, उन्होने इस लोकसभा चुनाव मे शिवपुरी की आमसभा में इस क्षेत्र के सांसद सिंधिया को महाशय कहते हुए पूरे के पूरे जलसंकट का ठीकरा सांसद महोदय के सर पर फ ोड़ दिया और शिवपुरी के जलसंकट पर एक दमदार भाषण पेल गए।
और कहा हमे जिता दो हम तु हे अच्छे दिन देंगें। नरेन्द्र भाई मोदी को देश की जनता ने दिल्ली तो पहुचा दिया शिवपुरी की जलसंकट से त्रस्त जनता ने भी भाजपा को ही वोट दिया परन्तु शिवपुरी का जलसंकट का नतीजा वही, प्यासे रह गए कंठ और रिते रह गए घड़े।
आज से 2 वर्ष पूर्व शिवपुरीे में अटलज्योति योजना का शुंभारभ करने शिवराज आए और पूरी ताकत के साथ घोषणा कर गए कि विधान सभा चुनावो से पहले में जलावर्धन योजना का शुभारंम करूगा। विधानसभा चुनाव से पहले क्या लोकसभा गठन के बाद भी आज तक जलावर्धन योजना का काम पुन: शुरू नही हुआ है लेकिन शिवराज जी ने अवश्य तीसरी बार सीएम बनने को सौभाग्य प्राप्त कर लिया है और शिवपुरी में किए गए वादे को भूल गए। नतीजा वही प्यासे रह गए कंठ और रीते रह गए घड़े।
शिवपुरी की विधासक और मप्र शासन मेें कैबिनैट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने भी अपने विधान सभा चुनाव में शिवपुरी वासियो से वादा किया पहला टारगेट शिवपरी का जलसंकट दूर करना है शिवपुरी की जनता ने उन्है विजयश्री का तोहफ ा भी दिया। शिवपुरी के जलसंकट के लिए भोपाल मेे बैठकें भी की गई। और आज भी प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र के लोकार्पण के दौरान पत्रकार से कहा कि मेंरी पहली प्राथमिकता शिवपुरी के पेयजल संकट को दूर करना है।
अब पहली प्राथमिकता 1 साल में पूरी नही हो पाई है,तो दूसरी पता नही कब होगी चलो आज भी राजे ने शिवुपरी के जलसंकट पर चिंता तो व्यक्त की और आज भी समाचारो मेेेंं यह चिंता आपकी प्रकाशित हो जाऐगी। जलावर्धन योजना इस समय वैलटिनेंटर पर है मामला एनओसी के चक्करो में सुप्रीम कोर्ट तक पंहुच चुका है। आपके अनुसार हर माह समीक्षा हो रही है पता नही है क्या समीक्षाए हो रही है,नेशनल पार्क में अफसर खुदाई की नाप नही जोड पाए और मामला पंहुच गया सुप्रीम कोर्ट। चलो एक बार और फिर आपके वादे पर विश्वास ओर कर लेते है। और वर्तमान में वही प्यासे रह गए कंठ और रीते रह गए घड़े।
अब बात करते है नपा अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह की इन्हे तो अभी तक यह पता चल पाया है कि अध्यक्ष का क्या काम होता है,समस्याओ को इनसे घबराना चाहिऐ था ये समस्याओ से घबरा गए है,ये खंभो पर लाईटे नही लगवा सके जलावर्धन पर बात करना तो बेमानी होगा। इन्हौने भी जमकर वादे जनता में किए की कुछ भी हो पेयजल समस्या खत्म हो जाऐगी। परन्तु रिजल्ट वही प्यासे रह गए कंठ और रीते रह गए घड़े।