कलेक्टर अंकल अब धूप कड़कड़ाने लगी हमें छुट्टी दे दो...

शिवपुरी। कलेक्टर अंकल! अब तो कड़कड़ाती धूप में हमें भी धूप लगने लगी अब तो छुट्टी दे दो...कुछ इस तरह की आवाजें सुनाई दे रही है शहर के विभिन्न स्कूलों की स्कूल बसों में बैठे बच्चों के मुंह से, जो कि अब धूप से इतने तड़प गए है कि छुट्टी की इजाजत स्कूल प्रबंधन से नहीं बल्कि कलेक्टर से मांग रहे है।

हालांकि होना तो यह भी चाहिए कि प्रशासन को स्वयं इस समय मौसम की स्थिति को देखकर छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को छुट्टी दे देनी चाहिए वैसे भी इस समय अतिरिक्त कक्षाऐं लगती है। लेकिन इसका असर स्कूल प्रबंधन पर कहीं नजर नहीं आता, बच्चों को पढ़ाने के नाम पर मोटी-मोटी फीस लेने से मतलब है।

बताना होगा कि इस समय पारा 41-42 डिग्री के आसपास चल रहा है जिसमें स्कूल में भरे हुए बच्चे भी अब छुट्टी की गुहार लगाने लगे है। अब तो सूचनाऐं मिल रही है कि कई बार तो स्कूली बच्चे बस में चढऩे से पहले ही बेहोश हो जाते है कारण साफ है कि गर्मी का प्रभाव इतना है कि बच्चे इस मौसम को सहन नहीं कर पा रहे है।

वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन भी हाथ पर हाथ धरे बैठा है ऐसे में यदि बच्चों के भविष्य के साथ यूॅं ही खिलवाड़ किया गया तेा निश्चित रूप से किसी दिन बड़े हादसे की संभावना बन सकती है। सकूल प्रबंधन भी इस ओर कोई कदम नहीं उठा रहा कारण साफ हे कि वह बच्चों के भविष्य के प्रति गंभीर नहीं है यदि होता है तो निश्चित रूप से इस भरी गर्मी में बच्चों को छुट्टी देकर राहत प्रदान करतें।

क्योंकि वर्तमान समय में बच्चे वह पढ़ाई कर रहे है जो उन्हें आगामी सत्र में करनी है इसके लिए उन्हें पूर्व से ही जबरन तैयारी कराई जा रही है। विभिन्न पाठ्यक्रमों की आड़ में बच्चों को प्रतिदिन धूप में स्कूल लाने और छोडऩे का कार्य किया जा रहा है वह भी उचित नहीं है क्योंकि जब गर्मी का प्रभाव इतना है तो इसका प्रभाव बस की छत चद्दर पर भी पड़ेगा और इससे बच्चों को धूप लगेगी जिससे वह बीमार पड़ सकते है।