शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क में टाईगर लाने की शुरूवात हो चुकी है, अभी पार्क में टाईगर लाने के लिए पार्क प्रबंधन ने डेट करोड रूपए का बजट मांगा है। और जल्द ही शिवपुरी में पर्यटक विकास बोर्ड अधिकारी शिवुपरी आ सकते है। अगर सब कुछ सही रहा तो टाईगर की दहाडे शिवुपरीवासियों को जल्द ही सुनने को मिलेगी परन्तु टाईगर को बसाने के काम में पार्क से सटे 5 गांव इसमें अडचने डाल रहे है।
जानकारी के अनुसार माधव नेशनल पार्क में टाइगर कॉरीडोर बनाने में पांच गांव के 77 परिवार बाधा बने हुए हैं। कुल 497 परिवारों में से 420 को अभी तक पौने 28 करोड रुपए की मुआवजा राशि बांटी जा चुकी है, जबकि शेष परिवार राशि लेने को तैयार नहीं। इनमें से 22 परिवार तो नए रेट से मुआवजा मांगने के लिए न्यायालय की शरण भी ले चुके हैं।
जो परिवार पार्क में रह गए हैं, उनकी आड में मुआवजा ले चुके परिवार भी अभी अपने घरों में न केवल निवास कर रहे हैं, बल्कि खेतीबारी भी कर रहे हैं। मुआवजा ले चुके परिवारों को पार्क से खदेडऩे के लिए पार्क प्रबंधन ने प्रशासन से मदद मांगी है।
विदित हो बाघ को घूमने व शिकार के लिए लंबा क्षेत्र होना चाहिए। यदि उसे बीच में इंसानों की मौजदूगी मिली तो वो उस क्षेत्र में रुकने की बजाए पलायन कर जाता है। यही वजह है कि पार्क में टाइगर कॉरीडोर बनाने के लिए पार्क प्रबंधन पिछले कई वर्षों से उन पांच गांव को खाली कराने के लिए प्रयासरत है, जो कॉरीडोर में अडचन बने हुए हैं। लगभग छह माह पूर्व पुलिस एवं प्रशासन की मदद से एक बार उन्हें खाली भी करवाया लेकिन वे फिर वापस आ गए।
जानकारी के अनुसार ग्राम डोंगर में कुल 55 परिवारों में से 51 को 5,43,64014 रुपए मुआवजा दिया जा चुका है। चार परिवार शेष रह गएए मुआवजा नहीं ले रहे। ग्राम लखनगंवा में 92 परिवारों में से 67 को 35209171 रुपए मुआवजा दिया। जबकि शेष 25 परिवार 3496639 रुपए नहीं ले रहे हैं।
इसी प्रकार ग्राम हरनगर में 75 परिवारों में से 58 को 44120397 रुपए मुआवजा बांटा जा चुका है, जबकि 14 परिवारों को 819518 रुपए देने को पार्क प्रबंधन तैयार है, लेकिन वे ले नहीं रहे। ग्राम अर्जुनगंवा में 63 में से 58 परिवारों को 85047279 रुपए मुआवजा दे दिया, लेकिन पांच शेष बचे परिवार 344225 रुपए का मुआवजा नहीं ले रहे।
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