1200 ओला पीडि़त किसानो के खाते में पहुंची 1 करोड से ज्यादा राशि

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शिवपुरी। जिला कलेक्टर राजीव दुबे ने जिले के सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में ओलावृष्टि एवं गैर मौसम बारिश से क्षतिग्रस्त हुई फसलों के सर्वे उपरांत राहत राशि शेष बचे पीडि़त किसानों के बैंक खातों में एक सप्ताह के अंदर जमा करना सुनिश्चित करें और यह भी देखे कि पात्र एवं पीडि़त किसान के खाते में राहत की राशि जमा हो गई है या नहीं।

इसके लिए संबंधित किसानों से चर्चा भी करें। जिले में अभीतक लगभग 1200 ओला पीडि़त कृषकों के बैंक खाते में एक करोड़ से अधिक की राशि जमा हो चुकी है। राशि जमा होने का कार्य जारी है।

जिला कलेक्टर  राजीव दुबे ने उक्त आशय के निर्देश जिले के सभी राजस्व अधिकारियों को आज समय-सीमा के पत्रों (टी.एल.) की बैठक में दिए। जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में अपर कलेक्टर जेड.यू.शेख, जिला पंचायत के मु य कार्यपालन अधिकारी  डी.के.मौर्य सहित जिला स्तरीय एवं राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।

जिला कलेक्टर राजीव दुबे ओलावृष्टि एवं बे मौसम वर्षा से जिले में नष्ट हुई रबी फसलों की पीडि़त किसानों को प्रदाय की जाने वाली राहत राशि की तहसीलवार समीक्षा करते हुए राहत राशि पीडि़त किसानों के बैंक के बचत खातों में सीधे जमा हो।

राहत राशि प्राप्त करने वाले पीडि़त किसानों की सूची भी ग्राम पंचायत के सूचना पटल पर चस्पा कर सार्वजनिक की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि राहत राशि वितरण की कार्यवाही एक सप्ताह के अंदर पूरी कर ली जाए।

कलेक्टर ने विशेषकर जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारियों (राजस्व) को निर्देश दिए कि वह यह सुनिश्चित करें कि पीडि़त किसान को राहत राशि उसके बैंक खाते में पहुंच गई है या नहीं। इसके लिए पीडि़त किसानों से चर्चा कर जानकारी लें।

कलेक्टर राजीव दुबे ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां 50 फीसदी से अधिक फसलों का नुकसान हुआ है, ऐसे ओलावृष्टि से पीडि़त किसान पुत्री की शादी करना चाह रहे है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर मु यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ तथा एक रूपए किलों गेहंू चावल एवं नमक आगामी फसल लेने तक प्रदान करें।

जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि कृषक बीमा दुर्घटना के प्रकरण एवं राजस्व पुस्तक परिपत्र-6(4) संशोधन और सर्पदंश के प्रकरणों का निराकरण तत्परता से कर पीडि़त किसान एवं उनके परिजनों को सहायता उपलब्ध कराए। प्रत्येक तहसीलदार माह के अंत में यह प्रमाण पत्र देंगे कि उनके कार्यक्षेत्र में इस प्रकार का कोई प्रकरण लंबित नहीं है।

इस मिटिंग ने कलेक्टर ने कहा कि जिले में शासन द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर किसानों द्वारा उपार्जन केन्द्रों पर अपना गेहूं विक्रय करना शुरू कर दिया है। राजस्व एवं संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उपार्जन केन्द्रों पर किसानों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो। साथ ही यह भी देखे कि जिले की सीमा के बाहर का किसान उपार्जन केन्द्रों पर गेहूं विक्रय करने न आए।

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