व्यापारियों ने पकड़ लिए थे जालसाज, पुलिस ने छोड़ दिए

0
शिवपुरी। कॉपीराइट एक्ट की धमकी देकर आॅनलाइन डाउनलोडिंग का रजिस्ट्रेशन करने आए 2 जालसाज युवकों ने व्यापारियों दबोच लिया था लेकिन पुलिस ने उन्हें मुक्त कर दिया।

मामला इंटरनेट से आडिया/वीडियो डाउनलोडिंग का है। भोपाल के रहने वाले रहमान और रामकृष्ण गौर क्षेत्रीय म्युजिक कंपनी अनमोल कैसेट्स, एसएस कैसेट्स, देसी इंटरटेनमेंट, नाच कैसेट्स, कंसाना इंटरटेनमेंट, मेहेर कैसेट्स, कमल कैसेट्स, विमल कैसेट्स जैसी कंपनियों के नियुक्ति पत्र और आदेश पत्र इत्यादि लेकर आए और दुकानदारों को डाउनलोडिंग के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा। दोनों ने दुकानदारों को धमकाया भी यदि रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो यह संगीन अपराध होगा और कॉपीराइट एक्ट के तहत दुकानें सील कर दी जाएंगी।

दुकानदार इनकी जालसाजी समझ गए और दोनों को दबोचकर पुलिस कोतवाली ले गए, लेकिन टीआई शिवपुरी मामले को समझ ही नहीं पाए और जालसाजों की बातों में आकर उन्हें मुक्त कर दिया।

सबसे पहले यह समझिए
किसी भी प्रकार के आॅनलाइन बिजनेस का रजिस्ट्रेशन आॅफलाइन नहीं होता। जबकि ये दोनों जालसाज आफलाइन रजिस्ट्रेशन करने आए थे।

इंटरनेट पर 2 तरह की सामग्रियां उपलब्ध होतीं हैं पहली जो निशुल्क होतीं हैं और दूसरी पेड सर्विसेज होतीं हैं। जो पेड सर्विसेज होतीं हैं, उनमें तब तक आप कुछ भी डाउनलोड नहीं कर सकते जब तक कि आप भुगतान नहीं कर देते। सभी प्रकार के भुगतान एटीएम कार्ड या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ही स्वीकार्य होते हैं। नेटबैंकिंग भी एक आप्शन है।

यदि कोई बेवसाइट का संचालक चाहता है कि बिना रजिस्ट्रेशन के आप उसकी सेवाएं ना ले पाएं तो उस बेवसाइट पर इस तरह का साफ्टवेयर काम कर रहा होता है कि आप बिना रजिस्ट्रेशन के बेवसाइट में प्रवेश ही नहीं कर सकते।

जैसे कि फेसबुक, यहां रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है परंतु यह फ्री है परंतु शादी डॉट कॉम या नौकरी डॉट कॉम या ऐसी ही दूसरी कई बेवसाइट हैं जहां फीस अदा करना होती है, नहीं तो आप सुविधाओं का लाभ नहीं ले पाते।

कुल मिलाकर सरल शब्दों में कहें तो आॅनलाइन कारोबार का आॅफलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं होता। ना तो यह प्रक्रिया है, ना परंपरा और ना ही व्यवहारिक। वो 2 व्यक्ति जिन्हे पुलिस ने छोड़ दिया, पुलिस को उल्लू बना गए। कुछ कंपनियों के कागज दिखाकर अपने काले कारोबार को छिपा गए। दरअसल ये पूरे मध्यप्रदेश में पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर छापामारी करते हैं और कॉपीराइट एक्ट व पोर्नफिल्म डाउनलोडिंग के फर्जी मामलों की धमकियां देकर दुकानदारों से वसूली करते हैं।

Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!