डॉक्टरों से परेशान पुलिस विभाग, कलेक्टर से मांगी मदद

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शिवपुरी। कालीकमाई में लगे शिवपुरी के सरकारी डॉक्टरों की लापरवाही से जनता ही नही पुलिस महकमा भी परेशान हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण मृतकों की पीएम रिर्पोट में देरी होने के कारण पुलिस को काफी परेशानी का सामना करना पडता है।

जानकारी मिल रही है कि पिछोर में मिली एक लाश का पीएम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर करवाया गया। जिसकी पीएम रिपोर्ट दो माह बाद पुलिस को मिली। तब पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया।

वहीं करैरा में 3 मार्च को मिली लाश की पीएम रिपोर्ट सात दिन पुलिस को दी गई। स्वास्थ्य विभाग की इस लचर कार्यप्रणाली से नाराज एसपी एमएल छारी ने कलेक्टर, सीएमएचओ सहित सभी पुलिस थानों को पत्र भेजा है।

भेजे गए पत्र में उल्लेख किया है कि पिछोर में 19 मई 2014 को वीरसिंह पुत्र अमृतलाल जाटव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। जिसका पीएम पिछोर सीएचसी पर कराया गया। जिसकी पीएम रिपोर्ट पुलिस को 22 जुलाई 2014 को मिली। जिसमें डॉक्टर ने गला दबाने से मृत्यु होना लिखा।

पुलिस थाने में दो माह तक मर्ग कायम रहा और जब पीएम रिपोर्ट आईए उसके बाद हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। वहीं 3 मार्च को करैरा क्षेत्र में मिली एक अज्ञात लाश का पीएम करैरा में कराया गया। जिसकी पीएम रिपोर्ट 10 मार्च को पुलिस को दी गई।

पत्र में आगे लिखा गया कि जिले के अन्य अस्पतालों में भी इसी प्रकार के एमएलसी पीएम की रिपोर्ट बिलंब से भेजी जा रही है। जिससे अपराधों के दर्ज होने में अनावश्यक देरी होने से उनका निराकरण नहीं हो पा रहा। जबकि पीएम रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध होने की दशा में शॉर्ट पीएम रिपोर्ट देने का भी प्रावधान है।

साक्ष्य तथ्य भी होते हैं प्रभावित
हत्या जैसे संगीन मामलों में पीएम रिपोर्ट में यदि दो माह की देरी होगी तो फिर उससे जुडे साक्ष्य तथ्यों को इकट्ठा करना पुलिस के लिए मुश्किल हो जाता है। कई महत्वपूर्ण चीजें जो पुलिस जांच में जरूरी होती हैंए वो वहां पर फिर नहीं मिल पातीं।
एमएलछारी, एसपी शिवपुरी

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