कॉलोनाइजर चतुर्वेदी के खिलाफ एफआईआर

शिवपुरी। कोतवाली पुलिस ने तहसीलदार पाण्डे की रिपोर्ट के बाद फरियादी हरि मौर्य की शिकायत पर कॉलोनाइजर संजय चतुर्वेदी के खिलाफ भादवि की धारा 420, 467 और 468 के तहत धोखाधड़ी तथा दस्तावेजों के कूटकरण का मामला दर्ज किया है। कॉलोनाइजर पर आरोप है कि उसने रास्ते की जमीन के अलावा जितनी भूमि का डायवर्सन हुआ है उससे अधिक भूमि का विक्रय किया है। आरोपी चतुर्वेदी के विरूद्ध मामला कायम कराने की लड़ाई  उसे जमीन विक्रय करने वाले सोहन बंसल पुत्र भवानी शंकर बंसल ने तीन साल तक लड़ी तब कहीं जाकर वह आरोपी के विरूद्ध मामला कायम करा सका।

सोहन बंसल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उसने वर्ष 2002 में संजय चतुर्वेदी को सर्वे क्रमांक 290 और 294 की 1 लाख 5 हजार 750 वर्गफुट जमीन विक्रय की। उस समय यह जमीन सोहन बंसल की बहन श्रीमती कमला गुप्ता पत्नी केदारनाथ गुप्ता के नाम शासकीय रिकॉर्ड में थी। बाद में इस जमीन का मालिकाना हक सोहन बंसल के पास आ गया। उसके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उसकी बहन ने सर्वे क्र. 294 में से 0.387 हैक्टेयर जमीन तथा सर्वे क्र. 290 में 0.596 हैक्टेयर जमीन का विक्रय आरोपी संजय चतुर्वेदी को किया था तथा सर्वे नं. 288 में से जमीन में जाने के लिये रास्ता दिया था। 

जमीन खरीदने के बाद संजय चतुर्वेदी ने उसमें से मात्र 5 हजार वर्ग फीट जमीन का डायवर्सन कराया और उस आधार पर लगभग 48 हजार वर्ग फीट जमीन को टुकड़ों में डायवर्टेड बताकर विक्रय कर दी। सोहन के अनुसार सर्वे क्र. 294 में फरियादी ने 0.387 हैक्टेयर जमीन में से 0.371 हैक्टेयर जमीन प्लाट बनाकर बेच दी तथा इसमें से मात्र 16 हैक्टेयर जमीन छोड़ी जो कि रास्ते के लिये पर्याप्त नहीं थी। इस तरह से आरोपी ने प्लाट खरीदने वालों को रास्ता तक नहीं दिया और जब प्लाट खरीददार ने रास्ते की मांग की तो उसने फरियादी सोहन बंसल के सर्वे नं. 288 की जमीन में से रास्ता बता दिया और सोहन बंसल का आरोप है कि उसकी जमीन पर आरोपी ने कब्जा करा दिया। 

यही नहीं आरोपी ने सर्वे नं. 292 की जमीन जो कि उसके स्वामित्व की नहीं थी उसमें भी प्लाट बेच दिये। बाद में फिर इसका संशोधन कराया। इसके लिये लगातार फरियादी ने प्रशासन और पुलिस को शिकायत की। जनसुनवाई में भी मामला लगाया और एसडीएम ने 22 सित बर 2014 को आरोपी के खिलाफ प्रकरण कायम करने के निर्देश दिये, लेकिन राजस्व अधिकारियों ने इसमें टालमटोली की बाद में जब सोहन बंसल ने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की तब तहसीलदार ने प्रकरण की जांच शुरू की और जांच में स्पष्ट हुआ कि आरोपी ने जितनी जमीन का डायवर्सन कराया था उससे कहीं अधिक जमीन का विक्रय कर दिया इस पर उसके खिलाफ धोखाधड़ी तथा दस्तावेजों में कूटकरण का मामला प्रथम दृष्टि में प्रमाणित पाया गया। तहसीलदार की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने मामला कायम किया और आरोपी संजय चतुर्वेदी को गिर तार भी कर लिया।

फरियादी का आरोप सदमे में हुई उसके भाई की मृत्यु
फरियादी सोहन बंसल का आरोप है कि कॉलोनाइजर संजय चतुर्वेदी लगातार उसे तथा उसके परिवार को भयादोहित कर रहा था। उसने उसके भाई दिनेश बंसल को धमकी दी। इसका परिणाम यह हुआ कि दिनेश बंसल को अचानक हृदयाघात हुआ और उसकी मौत हो गई।

फरियादी पर कायम कराया गया झूठा मामला
फरियादी सोहन बंसल का कहना है कि उसकी जमीन पर कब्जा किया गया, लेकिन आरोपी संजय चतुर्वेदी और उसके सहयोगियों ने उल्टे उस पर धारा 447 का मामला कायम करा दिया इस धारा में उस पर आरोप लगाया गया कि उसने फरियादी पक्ष की जमीन पर कब्जा किया है। सोहन बंसल का आरोप है कि आरोपी के प्रभाव के चलते पटवारी भी उसकी जमीन का सीमांकन नहीं कर रहा।