अस्थियां संचय करते समय सामने आया कारू की हत्या का रहस्य

शिवपुरी। दो दिन पूर्व सिरसौद थाना क्षेत्र के ग्राम बीलारा में सिंहनिवास के 22 वर्षीय युवक कारू रावत पुत्र रामपाल रावत की संदिग्ध मृत्यु हुई थी। मृत्यु का कारण सांप का कटना बताया था। आज शमशान घाट में उसकी अस्थि संचय करते समय उसकी हत्या का रहस्य बाहर आ गया। परिजनो ने कारू का अंतिम संस्कार पुलिस को बिना सूचना दिए कर दिया था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंहनिवास निवासी कारू रावत बीलारा में बंटाई से खेती करता था। दो दिन पहले खेत पर संदिग्ध परिस्थिति में उसकी मौत हो गई थी और पैर पर निशान देखकर घरवालों ने अनुमान लगाया कि उसकी मौत सांप के काटने से हुई है।

इसके पश्चात पुलिस को सूचना दिये बिना घर वालों ने मृतक का सिंहनिवास में अंतिम संस्कार कर दिया जबकि नियमानुसार सांप के काटने से हुई मौत में भी पीएम होता है। बताया जाता है कि मृतक का पूरा शरीर अकड़ गया था। अंतिम संस्कार के पश्चात जब परिवारजनों ने जानकारी ली तो मृतक के एक परिचित ने बताया कि मृतक कारू के साथ उसका चचिया ससुर राधे रावत भी था।

जबकि राधे रावत अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा था। बीलारा में खेत के नजदीक रहने वाले किसानों ने बताया कि कारू की मृत्यु से पूर्व कुछ वाहन भी खेत पर देखे गये थे। इससे मामला संदिग्ध हो गया और आज मृतक कारू रावत की सिंहनिवास में उठावनी की जा रही थी तथा अस्थियां बटोरने के लिये ग्रामीण और रिश्तेदार आये हुए थे।

उसी समय राधे रावत को पकड़कर वहां लाया गया तो उसने जानकारी देते हुए बताया कि कारू की मृत्यु से एक दिन पहले शिवपुरी में आरोपी हल्के और होतम को उसने यह कहते हुए सुना कि कारू को निपटाना है।

यह सुनकर वह दूसरे दिन बीलारा गांव मृतक कारू रावत को जानकारी देने के लिये पहुंचा तो उस समय खेत पर पांचों आरोपी भरत, सोनू, होतम, हल्के और जितेन्द्र वहां मौजूद थे।

उनकी मौजूदगी में उसने अलग से मृतक कारू रावत को बता दिया कि होतम और हल्के उसे मारने की बात कह रह रहे थे इस पर कारू ने कहा कि मैं निपट लूंगा और उससे त बाकू लेकर आने को कहा। राधे का कहना है कि जब वह त बाकू लेकर आया तो उसने देखा कि कारू मृत हो चुका है और वहां से पांचों आरोपी गायब हो चुके थे। डर के मारे उसने यह बात किसी को नहीं बताई।

चचिया ससुर राधे रावत पर भी शक!
इस मामले में नया खुलासा करने वाले राधे रावत पर भी शक जाहिर किया जा रहा है। राधे पैरों से विकलांग है और यह चर्चा भी है कि मृतक ने राधे को 20 हजार रुपये उधार दिये थे जिसे राधे नहीं दे रहा था और संभव है कि पैसे देने से बचने के लिये वह भी हत्या में शामिल हो गया हो।

उस पर संदेह इसलिए भी है कि वह मृतक के साथ मौजूद था, लेकिन कारू की मौत के बाद उसने किसी को यह जानकारी नहीं दी और चचिया ससुर होने के बाद भी वह अपने दामाद के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा। उसके बार-बार बयान बदलने से भी संदेह की सुई उस पर उठ रही है।

आज अपनी पत्नी को विदा कराकर लाने वाला था मृतक
मृतक कारू रावत की कुछ समय पहले ही शादी हुई थी और उसका गौना नहीं हुआ। बताया जाता है कि वह आज ही अपनी पत्नी को विदा कराकर लाने वाला था। उसकी ससुराल सूंड में है, लेकिन पत्नी की विदाई से पहले ही दुनिया से उसकी विदाई हो गई।