शिवपुरी. यहां एक और स्वाइन फलू की दस्तक से प्रदेश भर में हाई अलर्ट जारी है। वही करैरा का स्वास्थ अमला स्वाइन फलू कि दस्तक को लेकर गहरी नींद में सोया नजर आ रहा है। जबकी करैरा से महज 40 कि.मी. दूर पिछोर में महिला ज्योति पडरया की दिल्ली के अस्पताल मे स्वाईन लू के कारण हुई मौत की पुष्टि तक हो चुकि है फिर भी पता नही, करैरा स्वास्थ विभाग इस ग भीर बिमारी को लेकर कोई तैयारी नही करे है।
यह बात समझ से परे है इतना ही नही जागरूकता एवं सावधानी हेतु नगर में एक भी बोर्ड तक विभाग द्वारा नही लगाया गया है जिसके चलते आमजन उक्त बिमारी के बारे में सुरक्षा तथा बचाव से अनभिज्ञ बने हुए है। जबसे पिछोर में स्वाइन फलू से महिला की मौत की पुष्टि हुई है तभी से जिला चिकित्सालय में तक उक्त विमारी से निपटने हेतु सभी तैयारी कर ली गई है। लेकिन पिछोर से सबसे नजदीक आने वाले करैरा क्षेत्र के एक मात्र सा.स्वा.के. में इस घातक बीमारी से निपटने के नाम पर शुरूआत तक नही की गई है इतना ही नही खांसी, जुकाम, बुखार आदि के संभावित मरीजों को देखने तक के लिए ओ.पी.डी. में कई बार तो डाक्टर तक उपलब्ध नही रहते है जिसके चलते मरीजों को खासा परेशान होना पड़ रहा है।
इतना ही नही पूर्व में करैरा नगर में प्रायवेट लेब थी जिन पर मरीज बड़े आराम से अपनी जांच करा लेते थे लेकिन प्रशासन के द्वारा जांच के नाम पर उनको भी बंद किए महीनों बीत गए और जांच में सभी चीज दुरूस्त पाये जाने के बाद भी क्या कारण है कि उक्त लेबों को आजतक नही खोला जा रहा है जिसके चलते करैरा क्षेत्र भर के मरीज केवल सरकारी अस्पताल में मौजूद एकमात्र लैब के भरोसे रहते है। कई मरीज तो भीड़ को देख कर जांच कराये बिना ही अपने घर बापिस चले जाते है।
यहां करैरा क्षेत्र में स्वाइन फलू के मामले जांच तथा इलाज के अभाव में आधिकारीक रूप से सामने नही आ रहै है किंतु कई इसी लक्षणों से ग्रस्त मरीजों की मौत इलाज के अभाव में हो चुकी है ऐसा नही है कि उक्त बात की जानकारी स्वास्थ विभाग करैरा के कर्ताधर्ताओं को नही है जानकारी तो है लेकिन अपने आप को बचाने हेतु चुप्पी साधे हुए है यदि समय रहते जिला प्रशासन ने इस ओर ध्यान नही दिया तो वो दिन दूर नही जब ग्राम झण्डा जैसे हालात करैरा के ग्रामीण अंचलों में बन जायेंगे और कई मरीजों को अपनी जान से हाथ धोने पड़ेंगे क्या तभी प्रशासन गहरी नींद्रा से जागेगा। लेकिन शायद तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।
इन बातों का रखे ध्यान
खांसते या छींकते समय मुंह नाक पर कपड़ा रखें, भीड़भाड़ वाली जगह में जाने से बचे, खूब पानी, पोष्टिक आहार और पर्याप्त नींद लें, हाथों को साबुन और डेटॉल से धोएं, किसी भी तरह के लू से प्रभावित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें, किसी के साथ हाथ मिलाने और गला मिलाने से बचें।
आयुर्वेद में इसका सरल और अचूक उपाय
ये उपाय बचाव एवं चिकित्सा दोनों काम करता है। कपूर और ईलायची समभाग लें साथ में कूटकर एक साफ सूती कपडे में पोटली बना लें। इसे अपने पास रखें तथा हर 1-2 धंटे में सूंघते रहे इससे स्वाईन फलू के कीटाणु मर जाते है।