स्वाईन फ्लू: अस्पतालों में इलाज नहीं, प्रशासन को जागरुकता की चिंता

शिवपुरी। देखा जाए तो इन दिनों स्वाईन फ्लू का कहर पूरे देश में मचा हुआ है। उत्तरप्रदेश, दिल्ली, अहमदाबाद जैसे बड़े प्रदेशों के बाद अब इसका कहर भी मप्र में सुनाई देने लगा है। प्रदेश में अब तक लगभग एक सैकड़ा से अधिक मरीज स्वाईन फ्लू से पीडि़त मरीज ना केवल इसकी चपेट में आ गए बल्कि कई तो इसकी गिर त में आकर असमय काल के गाल में समा गए।

बाबजूद इसके अब भी इस बीमारी पर नियंत्रण पाने स्वास्थ्य अमला कोसों दूर है क्योंकि जिस प्रकार से स्वाईन लू से पीडि़त मरीजों की सं या बढ़ रही है उससे अन्य प्रदेशवासी परेशान है कि कहीं यह बीमारी उनके घरों में ना पहुंच जाए। संभव है प्रदेश का स्वास्थ्य अमला इस बीमारी के प्रति गंभीर तो है लेकिन निचले स्तर तक इसकी जड़े मजबूत ना होने से आमजन के लिए यह परेशानी का सबब है अब इसके लिए जगह-जगह शिविर आयोजित किए जारहे है ताकि लोगों को इस बीमारी से घबड़ाने की आवश्यकता ना पड़े और वह अपना समुचित इलाज कराऐं।

जानकरी के अनुसार जिले में अब करैरा, पिछोर और शिवपुरी शहर के कमलागंज में अब तक स्वाईन फ्लू से पीडि़त मरीजों की मौत हो चुकी है ऐसे में इस बीमारी का कहर दूरस्थ अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों तक ना पहुंच जाए। इसके लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य अमला मॉनीटरिंग कर रहा है। जगह-जगह शिविर लगाकर स्वाईन फ्लू बीमारी के लक्ष्ण और इसके उपायों को बताकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

लेकिन वर्तमान समय में जिला चिकित्सालय में ही स्वाईन फ्लू बीमारी के उपचार में असर करने वाली दवा टै बू लू उपलब्ध नहीं है इससे ना केवल स्वास्थ्य विभाग भी स्वयं परेशान है बल्कि आमजन भी इस बीमारी के कहर से घबड़ाया हुआ है। ऐसे में अब जिला चिकित्सालय में स्वाईन लू से पीडि़त मरीजों के उपचार के लिए अलग से कक्ष बनाया गया है लेकिन यहां भी मरीजों को ना तो सही उपचार मिल पा रहा और ना ही उन्हें दवाई दी जा रही है।

ऐसे में जिला चिकित्सालय स्वाईन लू जैसी घातक बीमारी के प्रति संजीदा नहीं लग रहा ऐसा जान पड़ता है। शहर में दिनों दिन बढ़ते स्वाईन लू रोगियों की सं या से अब अन्य लोगों को सतर्क रहने की आवश्यता है क्योंकि स्वाईन लू बीमारी एक संक्रमण रोग है जो एक-दूसरे के संपर्क में आने से फैलती है ऐसे में लोगों को भी सचेत किया जा रहा है कि वह यदि किसी से बात या मुलाकात अथवा कोई भी आपसी विचार-विमर्श करें तो इसके लिए चेहरे को मास्क से ढंके और हाथ मिलने के बजाए नमस्ते करके जबाब दें। ताकि इस बीमारी से बचा जा सके। फिलवक्त बीमारी के उपचार में स्वास्थ्य अमला और जिला प्रशासन गंभीरता से कार्यरत तो है लेकिन परिणाम असर दिखाने वाले कहीं नजर नहीं आ रहे।

स्वाईन लू से बचाव के लिए पहनें मास्क
स्वास्थ्य विभाग द्वारा नागरिकों को स्वाईन लू से बचाव के लिए  हिदायत दी जा रही है कि वह इस बीमारी से बचाव के लिए मास्क आवश्यक रूप से पहनें। क्योंकि शरीर में यदि स्वाईन लू का एक भी संक्रमण चला गया तो अच्छा भला स्वस्थ नागरिक भी इस बीमारी की जकड़ में आ सकता है। कई जगह तो आमजन भी स्वेच्छा से मास्कों का नि:शुल्क वितरण कर रहे है तो वहीं अब बाजार में भी मास्क विक्रेताओं के यहां उपभोक्ताओं की सं या बढऩे लगी है। बाजार में यह मास्क पहले 10 रूपये में मिलता था लेकिन अब 5 रूपये की राशि में दो मास्क उपलब्ध कराए जा रहे है।

शहर के माधवचौक पर गत दिवस पंक्ति लगाकर लोगों को नि:शुल्क मास्क बांटे गए जहां हजारों लोगों ने मास्क लेकर स्वाईन लू से बचाव के लिए इन मास्को को प्रयोग में लिया। बाबजूद इसके अब भी कई लोग इन मास्कों से दूरी बना रहे है हालांकि इस बारे में कोई खुलकर तो नहीं कहता लेकिन यह संक्रमित बीमारी है इसलिए इससे बचाव आवश्यक है। इसी क्रम में शहर के माधव चौक पर ओमप्रकाश-गिर्राज सिंघल ने शहर में स्वाइन लू के बचाव के लिए गुरूवार को सुबह आमजन को मास्क वितरित करने का कार्य किया। इसके तहत शहर के लोगो के बीच करीब एक हजार से अधिक मास्क वितरित कर इस बीमारी से बचाव में सहयोग किया। इस मौके पर शहर के कई गणमान्य लोगो ने मास्क वितरित करने में अपनी भूमिका का निर्वहन किया।

नहीं मिल रही दवा, मरीज परेशान
स्वाईन लू बीमारी के उपचार में असर कारक मानी जाने वाली टै बूल लेम नामक दवा के नहीं मिलने से आमजन खासा परेशान है। क्योंकि स्वाईन लू से बचाव के लिए यही दवा सर्वाधिक असरकारक है इसके अलावा आयुर्वेद पद्वति भी इस बीमारी के उपचार में सहायक बताई जाती है। इस दवा के उपलब्ध ना होने से अब कई जगह हो योपैथी शिविर आयोजित किए जा रहे है ताकि हो योपैथी की दवा से यह बीमारी असर ना करे और इसके लिए अब आमजन हो योपैथी उपचार करा रहे है।

चूॅकि हो योपैथी दवा से किसी प्रकार का साईडइफेक्ट नहीं होता इसलिए अधिकांश लोग हो योपैथी पद्वति पर विश्वास करते है। बताना होगा कि अधिकांशत लोग हो योपैथी की दवा आए दिन उपयोग में करते रहते है ताकि इससे अन्य प्रकार की गंभीर बीमारियों से भी बचा जा सकता है।

इनका कहना है-
स्वाईन लू से बचाव के लिए आवश्यक है चेहरे को ढकें, और यदि कोई बीमार मरीज हो तो उससे थोड़ी दूरी बनाऐं क्योंकि सर्दी,जुकाम और अधिक समय बुखार से पीडि़त मरीजों में इस बीमारी के लक्ष्ण पाए जाते है चूॅंकि प्रदेश का स्वास्थ्य अमला भी स्वाईन लू को लेकर गंभीर है और इसके लिए जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए अलग से कक्ष भी बनाया गया है फिलहाल तो मास्क पहनें और स्वाईन लू से बचाव के जो भी तरीके बताऐं उन्हें अपनाऐं।
डॉ. अशोक कुमार मिश्रा
मिश्रा क्लीनिक, पुरानी शिवपुरी