रामसिंह दादा का प्रस्ताव फैल, नही होगी कार्यवाहक की नियुक्ति

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में कांग्रेस के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की जायेगी तथा अगले चुनाव तक वर्तमान अध्यक्ष रामसिंह यादव ही अपने पद पर बने रहेंगे और दायित्व निर्वहन करेंगे। सिंधिया के इस फैसले से कार्यवाहक जिलाध्यक्ष को लेकर जिला कांग्रेस में सरगर्मी समाप्त हो गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जब से जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव विधायक पद पर निर्वाचित हुए हैं तब से वह जिलाध्यक्षी छोडऩे की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं। पहले श्री सिंधिया ने उन्हें आश्वस्त किया था कि वह उनके दायित्व को हल्का करते हुए जिलाध्यक्ष पद पर किसी अन्य सक्षम नेता की नियुक्ति कर देंगे।

इससे कांग्रेस में कार्यवाहक जिलाध्यक्ष पद को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था। इस पद हेतु सबसे प्रबल दावेदार सांसद प्रतिनिधि हरवीर सिंह रघुवंशी और बैजनाथ सिंह यादव थे, लेकिन श्री यादव की अपनी पत्नी जिला पंचायत सदस्य श्रीमती कमला यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की रूचि को देखते हुए हरवीर सिंह रघुवंशी की संभावनाएं बढ़ गई थीं।

श्री रघुवंशी वर्तमान में भी एक तरह से जिलाध्यक्ष की हैसियत से ही कार्य कर रहे हैं और श्री सिंधिया के खासे विश्वासपात्र भी हैं। चार दिन पहले श्री सिंधिया कांग्रेस नेताओं के परिजनों के विवाह समारोह में भाग लेने के लिये शिवपुरी आये। सूत्रों के अनुसार इस अवसर पर रामसिंह यादव ने एक बार फिर से कार्यवाहक जिलाध्यक्ष नियुक्त करने की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया।

सूत्र बताते हैं कि श्री सिंधिया ने इस बार उनसे साफ-साफ कह दिया कि कांग्रेस के संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है और दो-एक माह में चुनाव संपन्न हो जायेंगे ऐसी स्थिति में कार्यवाहक जिलाध्यक्ष नियुक्त करना उचित नहीं है।

श्री सिंधिया ने बताया कि अशोक नगर में कार्यवाहक जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की गई है, वहां की परिस्थितियां अलग हैं। उनकी शिवपुरी से तुलना नहीं की जा सकती। इससे कार्यवाहक जिलाध्यक्ष को लेकर चल रही राजनीति का पटाक्षेप हो गया।

शिवपुरी में सफल नहीं रहा था कार्यवाहक जिलाध्यक्ष का प्रयोग
शिवपुरी जिले में भी श्री सिंधिया ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष लालसाहब यादव से नाराजी के चलते कार्यवाहक जिलाध्यक्ष पद का प्रयोग किया था और इस पद पर लक्ष्मीनारायण धाकड़ की नियुक्ति की थी, लेकिन जब जिलाध्यक्ष बनाने की बारी आई तो उन्हें इससे वंचित कर दिया गया और उनके स्थान पर रामसिंह यादव को जिलाध्यक्ष बनाया गया।

इसके बाद लक्ष्मीनारायण धाकड़ का सिंधिया खेमे से मोह भंग हो गया था और उन्होंने दिग्गी खेमे की शरण ले ली थी। यह बात अलग है कि आज श्री धाकड़ पुन: सिंधिया खेमे में हैं। इस कारण भी श्री सिंधिया कार्यवाहक जिलाध्यक्ष की नियुक्ति के पक्ष में नहीं हैं।

 इस पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हरवीर सिंह रघुवंशी के नजदीकी सूत्रों का कथन है कि यदि श्री रघुवंशी को कार्यवाहक जिलाध्यक्ष बना दिया जाता, लेकिन इसके बाद वह जिलाध्यक्ष नहीं बन पाते तो निश्चित तौर पर यह तकलीफदेह बात होती।