सिंधिया ट्रस्ट पर फर्जी रजिस्ट्री का आरोप: प्रशासन ने तोड़ा मकान

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शिवपुरी। महल के पीछे कृष्णपुरम कॉलोनी में कल प्रशासन ने निर्माणधीन मकान को जमीदोज कर दिया है, मकान मालिक का कहना है कि मैने यह प्लाट विधिवत ऊषाराजे ट्रस्ट से खरीदा है, बकायदा उसकी रजिष्ट्री भी मेरे पास है।

जानकारी के अनुसार कृष्णपुरम कॉलोनी में बुधवार को प्रशासनिक अमला राजकुमार राठौर का निर्माणधीन मकान तौडने पंहुचा और उस पर जेसीबी भी चल गई, और निर्माणधीन मकान के तीन हिस्से को ढहा दिया गया।

तहसीलदार शिवपुरी आरके पांडेय, नायब तहसीलदार मानसिंह रावत अपने साथ मनियर छावनी के दो पटवारियों को लेकर उक्त विवादित जमीन पर बनाए जा रहे भवन की दीवारों को तोडने पहुंचे।

इसी बीच प्लॉट मालिक राजकुमार राठौर अपनी रजिस्ट्री लेकर गए। जिसमें उन्हें यह जमीन ऊषा राजे ट्रस्ट ने बेची हैं। रजिस्ट्री के साथ बताए गए प्लॉट के नक्शे की चतुर्सीमा भी ठीक वैसी ही निकली जो मौके पर मौजूद थी।

ऐसे में खुद राजस्व अधिकारी भी कुछ देर के लिए सोच में पढ़ गए कि आखिर सही क्या है। हालांकि कुछ देर इंतजार करने के बाद जेसीबी से बन रहे मकान की तीन दीवारों को तोड़ दिया गया।

महल के पीछे कृष्णपुरम कॉलोनी में पटवारी हल्का छावनी एवं मनियर के बीच की भूमि पर राजकुमार राठौर भवन बना रहा है और उसने चारों ओर की दीवारें भी बना ली थीं। जबकि पास में ही रहने वाले दुर्गाप्रसाद सिंघल की रजिस्ट्री में उक्त भूमि को आम रास्ता बताया है।

मामले का रोचक पहलू यह है कि जिस सर्वे नंबर 1240 पर राजकुमार अपना प्लॉट होना बता रहा है, वो पटवारी हल्का मनियर में मौजूद है। यानि जिस जमीन की रजिस्ट्री की गई है, वो सर्वे नंबर दूसरी जगह है और मकान किसी दूसरी जगह बनाया जा रहा है।

इसमें भी एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि प्लॉट की चतुर्सीमा बिल्कुल ठीक है, जबकि सवाल यह भी उठता है कि यदि सर्वे नंबर दूसरी जगह है तो फिर चतुर्सीमा सही क्यों है। हालांकि प्रशासन ने इसे अतिक्रमण मानते हुए तोड दिया।

जमीन ट्रस्ट की है, सरकारी की बात गलत
सर्वे नंबर 1240 पर ट्रस्ट की पांच-हजार वर्गफीट जमीन है। उसे रेवेन्यू अधिकारी सरकारी कैसे बता रहे हैं, यह तो वे ही जानें। जिस जगह पर विवाद हो रहा है, वो वास्तव में पुराने तालाब की पार है, जो छावनी एवं मनियर के बीच में है। उस पार की जमीन पर कब्जा करने की मची हुई है। लोगों ने रजिस्ट्री कहीं और की करवाई और कब्जा दूसरी जगह कर लिया। इस तरह के और भी विवादित मामले चल रहे हैं।
अशोक मोहिते छत्री ट्रस्ट ऑफिसर

ट्रस्ट ने गलत तरीके से करवाई रजिस्ट्री
जिसजमीन पर भवन निर्माण किया जा रहा था वो शासकीय भूमि है। ट्रस्ट ने गलत तरीके से उसकी रजिस्ट्री करवा दी। छावनी एवं मनियर के बीच की इस जमीन पर गलत तरीके से कब्जा करके निर्माण किया गया।

ऐसे मामले में चतुर्सीमा कोई मायने नहीं रखती। तीन दीवारें गिराने के बाद प्लॉट मालिक खुद ही कब्जे को हटाने की बात कहने लगाए इसलिए छोड आए।
आरकेपांडेय, तहसीलदार शिवपुरी


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