आँखों में आंसू दे गई सत्यवादी राजा हरिश्चंद की लीला

सतनवाडा में खैरे वाले पर चल रही महारासलीला में बीते रोज सत्यवादी राजा हरिश्चंद की कहानी वहाँ उपस्थित सभी दर्शनार्थियों की आँखों में आंसू दे गई।

रासलीला में बताया गया कि जब बोली के बाद राजा हरिश्चंद को कालू नाम का शमशानी खरीद लेता है और राजा का कार्य होता है कि वह शमशान घाट पर जलने वाले लोगों के परिजनों से कर वसूले ।

तारारानी को काशी के एक पंडित खरीद लेते है लेकिन इनकी परीक्षा लेने की खातिर विश्वामित्र सर्प का रूप लेक र रानी के पुत्र रोहित को डस लेते है  राजा हरिश्चंद के मृत बेटे को लेकर उनकी पत्नि तारारानी मुक्तिधाम पहुंचती है तेा अपने कर्तव्य का पालन करते हुए राजा अपनी पत्नि से भी कर की माँग करते हैं तो रानी के पास देने के लिये कुछ नही होता तेा वह अपनी साडी का आधा भाग कर के रूप में देने को कहती है।

राजा हरिशचंद्र अपनी पत्नि को शमशान घाट से भगा देते है। दूसरी तरफ जब रानी जब गाँव पहुंचती है तो विश्वामित्र अफवाह फैला देते हैं कि यह डायन है जो बच्चों को अपहरण कर ले जाती है बाद में जब डायन को मारने कालूराम शमशानी खुद हाथों में तलवार लेकर पहुंचते है तेा वह तो धर्मराज का ही रूप थे और उनके साथ और भी देवता होते है जो रोहित का जिंदा कर उनकी परीक्षा को पूरा करते हैं। रासलीला के इस प्रसंग के चलते सभी लोगों की आँखों से झर-झर आंसूओं की बरसात होती देखी गई।

Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!