शिवपुरी। सिंध प्रोजेक्ट की तरह सीवेज प्रोजेक्ट में भी राष्ट्रीय उद्यान के वन संचालक शरद गौड ने अडंग़ा लगा दिया है। इससे खिन्न नगरपालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह ने उन्हें अल्टीमेटम दिया है कि वह जनहितकारी योजनाओं में खलनायक बनने से बाज आयें अन्यथा उनके खिलाफ एक बड़ा जन आंदोलन छेड़ा जायेगा।
इसके साथ ही नेशनल पार्क संचालक शरद गौड का विरोध बढ़ता चला रहा है। विदित हो कि श्री गौड ने जाधव सागर खाली कराने पर रोक लगा दी है और वहां से मगरमच्छों की शिफ्टिंग करने से इनकार किया है जिससे सीवेज प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में एक बड़ी बाधा खड़ी हो गई है।
सीवेज प्रोजेक्ट के तहत शहरभर में खुदाई के साथ-साथ जाधव सागर में भी खुदाई की जानी है जिसके लिए जाधव सागर को खाली कर खुदाई करने की अनुमति सिंधिया ट्रस्ट ने दे दी थी। जाधव सागर पर सिंधिया ट्रस्ट का स्वामित्व है। इस आशय की सूचना राष्ट्रीय उद्यान के संचालक शरद गौड को भी पत्र द्वारा पीएचई के कार्यपालन यंत्री श्री छारी ने दी थी ताकि जाधव सागर खाली कराने के पूर्व वे वहां मौजूद आधा सैंकड़ा से अधिक मगरमच्छों को अन्यत्र शि ट कर लें, लेकिन इसके स्थान पर पार्क संचालक ने जाधव सागर खाली कराने पर रोक लगा दी है और साफतौर पर कहा कि यहां से मगरमच्छों की शि िटंग नहीं होगी।
उन्होंने उस पत्र को अहमियत न देते हुए कहा कि सीवर प्रोजेक्ट का कार्य पूर्ण हो या न हो, लेकिन वह मगरमच्छों को वहां से शि ट नहीं करेंगे। उनके इस रवैये से इस योजना पर भी ग्रहण लगना प्रारंभ हो गया है। जिस पर नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह ने शरद गौड के खिलाफ मोर्चा खोलने का अल्टीमेटम दिया है।
अड़ंगा किसी का खलनायक बन रहे हैं हम: केजी सक्सेना
सीवेज प्रोजेक्ट के मैनेजर केजी सक्सेना भी पार्क संचालक शरद गौड द्वारा जाधव सागर में खुदाई पर रोक लगाने से नाराज हैं और उनका कहना है कि खुदाई में रोक किसी दूसरे के द्वारा लगाई जा रही है, लेकिन जनता के समक्ष खलनायक हम बन रहे हैं। फिलहाल कार्य पर रोक लगी हुई है और हम भोपाल स्तर पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष इस प्रकरण को रखेंगे और जो भी निर्णय होगा वह वरिष्ठ अधिकारी ही लेंगे।
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