कलश यात्रा के साथ रामनाम महायज्ञ का शुभारंभ

शिवपुरी। विगत कई वर्षो से होते आ रहे भव्य महारासलीला एवं राम नाम महायज्ञ का आयोजन इस बार भी खैरे वाले हनुमान जी सतनवाडा पर कलश यात्रा के साथ शुभांरभ हो गया है ।  4 जनवरी  से प्रारंभ होकर 11 जनवरी तक चलेगा।

जिसका समय 12 से 4 बजे तक रखा गया है। महायज्ञ के शुभारंभ के साथ ही यहाँ अखंड हनुमान चालिसा, अखंड रामधुन, अखंड रामचरितमानस, अखंड सुंदर काँड का जाप भी प्रारंभ हो गया है महायज्ञ के बारे में जानकारी देते हुए खैरे वाले हनुमान जी के महंत बाबा भैरोदास ने बताया कि  यहां प्रतिदिन अखण्ड कीर्तन रामनाम महायज्ञ के अलावा विद्धानों द्वारा अखण्ड रामायण एवं प्रवचनों के साथ श्रीमत् भागवत गीता का मूल पाठ का आयोजन रखा गया है।

महायज्ञ के समापन दिवस पर 11 जनवरी को पूर्ण आहूती के साथ विशाल भण्डारे का आयोजन चरण सेवकों द्वारा किया गया है। आज यहाँ पर बृंदावन से पधारे कलाकारों व्यास भगवत शर्मा, ठाकुरजी कृष्णा दत्तात्रेय, राजेश पाठक,बलवंत सैनी,गोविंद नामदेव, सतीश चंद उपाध्याय, लखन,माधव, देवोभारद्वाज, नारायण, दिनेश आदि के द्वारा कृष्ण जन्म का अति सुंदर व्या यान रासलीला के माध्यम से किया गया जिसमें रास के साथ मयूर नृत्य लीला का भी प्रस्तुतीकरण किया गया

रासलीला के दौरान कंस द्वारा चचेरी बहन का विवाह संपन्न हुआ लेकिन विदाई के समय ही कं स को आकाशवाणी से सूचना मिली कि देवकी वासुदेव की आठवी संतान ही उसकी मौत का कारण बनेगी उसका अंत करेगी जिससे कंस ने देवकी और वासुदेव को मारने की कोशिश की परंतु पिता अग्रसेन के बीच में आने पर उसने उन्हें अपनी बहन देवकी एवं वासुदेव के साथ उन्हें मृत्यु दंड ना देते हुए जेल भेज दिया।

 जेल में देवकी के  छ: पुत्र कंस ने मार दिये पर सातवें पुत्र बलराम को योग माया के बल से भगवान ने माँ रोहिणी  के गर्भ में पहुंचाया और इसके बाद जेल में ही कृष्ण का जन्म हुआ जमुना पार वासुदेव ने नंदबाबा एवं यशोधा के घर उन्हें छोड़ा इसी क्रम में आज कृष्णजन्मोत्सव को नंदोत्सव के रूप में मनाया जायेगा जिसमें गोकुल में बधाइयाँ दी जायेगी एवं पूतनावध का प्रसंग रासलीला में प्रस्तुत किया जायेगा । रासलीला के दौरान बृंदावन से आये कलाकारों द्वारा दर्शनार्थियों को भाषा एवं कलाकारी के माध्यम से गोकुल के चित्रण को परिलक्षित करने का प्रयास भी सफल होता दिखाई दिया।

उल्लेखनीय है कि विगत कई वर्षो से चले आ रहे इस कार्यक्रम में वृद्धावन से पधारे कलाकरों द्वारा भव्य रासलीला का आयोजन किया जाता रहा है जिसमें रोजना हजारों की सं या में लोग श्रवण दर्शन करने पहुंचते है यहां का भंडारा अंचल भर में प्रसिद्व है जहां पर लगभग पांच सो क्वीटल आटे एवं कई ट्रॉली भरकर खीर मालपूये का वितरण किया जाता है एवं मैन आईवे पर भी भंडारे के रोज कई किलोमीटर का जाम लग जाता है। बाबा भैरोदास ने सभी धर्म प्रेमी बंधुओं से इस महायज्ञ में शामिल होने का आग्रह किया है। 
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!