दुनिया को इंसानियत और जम्हूरियत का संदेश देने आए थे मोहम्मद साहब

ईद मिलादुन्नवी(स.) पर विशेष: मोहम्म साहब(स.) ने फरमाया पड़ौसी अगर भूखा हो तो आप पर खाना हराम है। अल्लाह पाक का इरशाद है कि अगर रसूलुल्लाह(स.अ.) को पैदा करना मकसद नहीं होता तो ये दुनिया भी ना बनाई गई होती।
इस बात से यह साबित होता है कि ये दुनियां रसुलुल्लाह सल्ल.अलै.बस. के सदके में हमें मिली, हम सब खुशनसीब है कि हमें रसुलुल्लाह सल् ल. अलैह. बस. की उम्मत मैं पैदा होने का शर्फ हासिल है।

एक लाख चौबीस हजार कमोवेश पैगम्बर हजरत आदम अलैहिस्सलाम और नवी करीम सल्लल्लाहौ अलै. बस. के दर यां इस दुनिया एम्फानी में वक्तन व फम्तन तशरीफ लाए और अल्लाह पाक से दुआ फरमाई है कि हमें नवी करीम सल्लल्लाहो अलै. बस. की उ मत में पैदा फरमाता और नवी न बनता। इससे ये पता चलता है कि आप सारे नवियों के सरदार हैं आपका मरतबा सबसे आला है।

उस वक्त अरब मक्का में ये रिवाज था कि बच्चा पैदा होता था तो उसे दूध पिलाने के लिए दाई घर से ले जाया करती थी ओर कुछ दिनों के बाद वापस उनके घर छोड़कर आया करती थी। आपको भी दाई हलीमा अपने घर अपनी ऊंटनी पर बिठाकर ले गई। दाई हलीमा फरमाती है कि मेरी ऊॅंटनी बूढ़ी व कमजोर थी लेकिन नवी करीम सल्ल.अलै.बस. के ऊंटनी पर बैठते ही वह जोर-जोर से दौडऩे लगी। नवी करीम सल्ल.अलै.बस. की तिरेसठ साला दुनियावी जिन्दगी में सभी शूबों में चाहे वो समाजी हो, सियासी हो, खुशी हो या गम, जिन्दगी और मौत सभी शूबों में अनूठी मिसाल पेश की है।

नवी करीम सल्ल.अलै.बस. ने और इस्लाम ने सबसे पहले इस दुनिया को जम्हूरियत (प्रजातंत्र) सिखाया है। आपको लोग सादिक और अमीन जैसे लकब से बुलाते थे। आपने फरमाया अगर आपका पड़ौसी भूखा है तो आप पर खाना हराम है, यहां गौर करने का मुकाम ये है कि यहां सिर्फ पड़ौसी शब्द आया है, चाहे वो किसी भी जाति या धर्म का हो।

नवी करीम सल्लल्लाहो अलै.बस. जब दुनियां में तशरीफ लाए तो अरब मुबालिक व सारी दुनियां में जहालत का माहौल था। अरब देशों में लड़कीयों को जिंदा दफन कर देते थे आपने इस्लाम की दावत देकर इस प्रथा को खत्म कराया। मोहम्मद साहब ने एक आदमी के कत्ल को सारी इंसानियत का कत्ल बताया। इससे यह साबित होता हेै कि मोहम्मद साहब ने जो इस्लाम के उपदेश दिए हैं उसमें आतंकवाद जैसी चीजों को नकारते हुए दुनिया के अंदर एक अनूठी मिसाल पेश की है। आपने सारी जिंदगी इंसानियत की खातिर जी, आपने अपनी दुनियाबी जिन्दगी में बेबाओं और मिस्कीनों की भलाई के लिए काम किए।

नवी करीम सल्ल.अलै.बस. इस दुनिया में सारे इंसानों के लिए रहमत बनकर तशरीफ लाए, आप सल.अलै.बस. की सीरते पाक पर हजारों किताबें शाया हो चुकी है लेकिन बाबजूद इसके कि आपकी सीरते पाक मुकम्मल नहीं हुई है। हम सारी दुनियां के मुसलमानों का सबसे बड़ा त्यौहार इदेमिलादुन्नबी(स.) है। इसे हम जोशखरोश के साथ फर खुलूस माहौल में मनाऐं और दुनिया मुल्क में अमन शांति के लिए काम करें।

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