शिवपुरी। नवोदित नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह के पदभार ग्रहण समारोह में कांग्रेस एकता की झलक नहीं दिख सकी। समारोह में भाजपा नेताओं की अनुपस्थिति से अधिक चर्चा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति से रही।
अनुपस्थित रहने वाले नेताओं में नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन सिंह सेंगर, निगरानी समिति के अध्यक्ष खलील खान, पूर्व नपा उपाध्यक्ष अरूण प्रताप सिंह चौहान, जिला कांग्रेस के पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण धाकड़, पूर्व युवक कांग्रेस अध्यक्ष विजय शर्मा, रामकुमार शर्मा आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। पूर्व विधायक गणेश गौतम और सांसद प्रतिनिधि हरवीर सिंह रघुवंशी समारोह में पहुंचे तो अवश्य, लेकिन अचानक पांच मिनट में वह वहां से चल दिए। सूत्रों के अनुसार अपनी उपेक्षा से खिन्न होकर उन्होंने ऐसा फैसला लिया।
कल मानस भवन में संपन्न हुआ नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह का पदभार ग्रहण समारोह कांग्रेस के लिए अनूठा मौका था। लगभग 25 साल बाद नगर पालिका में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर ताजपोशी के बाद कांग्रेस के लिए सिर उठाने का मौका आया था। भाजपा के लिए यह बहुत बड़ा सदमा था और शायद इसी कारण अधिकांश भाजपा नेता और पार्षद समारोह में नहीं पहुंचे, लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति से भी कांग्रेस की गुटबाजी साफतौर पर उजागर हो गई।
साफ नजर आ रहा था कि तमाम अनुकूलताओं के बावजूद पदग्रहण समारोह में कांग्रेस के लिए सब कुछ ठीकठाक नहीं था और गुटबाजी की छाया कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से नजर आई। अनुपस्थित नेताओं में से एक ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नवोदित अध्यक्ष ने उन्हें स मानजनक ढंग से आमंत्रित नहीं किया जबकि कांग्रेस की जीत के लिए हमने पूरा जोर लगाया था।
हम पर मुन्नालाल को शिकंजे में लेने का लगाया गया था आरोप: जगमोहन
पूर्व नपाध्यक्ष जगमोहन सिंह सेंगर ने समारोह में अपनी अनुपस्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि महाराज के आदेशानुसार हमने मुन्नालाल और अन्नी शर्मा को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसके बाद भी मुन्नालाल के कुछ निकटस्थ लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं कि हम नपाध्यक्ष को अपने शिकंजे में लेकर अपने हित साधेंगे। इसी कारण हम समारोह में नहीं पहुंचे। जहां तक पार्टी का सवाल है तो जब भी हमारी जरूरत होगी हम कांग्रेस के लिए हमेशा काम करने के लिए तत्पर रहेंगे।
नपाध्यक्ष कुशवाह अब मानमनोबल में जुटे
समारोह में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति से नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह काफी चिंतित नजर आए और कार्यक्रम के बाद वह कुछ नाराज नेताओं को मनाने उनके घर पहुंचे। श्री कुशवाह ने उनसे कहा कि किसी की भावना को आहत करने की उनकी कभी कोई इच्छा नहीं रही है और वह सभी को साथ लेकर नगर पालिका चलाएंगे।