कालामढ का काला सच खगांलने आई ईओडब्ल्यू की टीम

सतेन्द्र उपाध्याय/बैराड। जिले बैराढ कस्बे के ग्राम कालामढ में शासन की करोडों रूपए की चरनोई भूमि पर तत्काालिन एसडीएम, तहसीलदार, आरआई, पटवारी और सरंपच, ने मिलकर करोडो रूपए के प्लाट काट कर बेच दिए थे। इस मामले की जांच करने आज भोपाल पुलिस की इओडब्ल्यू की टीम कालामढ पंहुची।

जानकारी के अनुसार ग्राम कालामढ की शासकीय चरनोई भूमि सर्वे क्रमांक न.868, 570, 571, 833, की लगभग 30 हेक्टयर जमीन को शासकीय से विलोपित कर निजभूमि में तब्दील कर इस भूमि के करोंडो रूपए के प्लाट बेच दिए थे।

इस पूरे मामले की शिकायते स्थानीय स्तर पर भी गई थी परन्तु कोई कार्यवाही नही हुए। स्थानीय स्तर पर कार्यवाही नही होने के कारण शिकायतकर्ता दिनेश शर्मा ने सन 2012 में इस मामले को हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की।

हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए इस पूरे मामले की जांच करने को ईओडब्ल्यू को नियुक्त किया था। आज इसी क्रम में भोपाल कर ईडब्ल्यू की एक टीम टीआई एस एस मुमताज के नेतृव्व में बैराढ कस्बे के कालामढ पंहुची और इस मामले से जुडें तथ्यों का खंगालना शुरू किया और यह टीम कालामढ के इस भूमि पर भी पंहुची व लोगो की राजिष्ट्रीयां भी चैक की।

टीम ने प्रेस को बताया की अब इस पूरी 30 हैक्टयर भूमि पर मकान बन गए है और स्थानीय प्रशासन इस जमीन के मूल रिकार्ड उपलब्ध नही करा रहा है। इस कारण हमें परेशानी को सामना करना पड रहा है। जब तक मूल रिकार्ड उपलब्ध नही हो जाता है तब तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।

विदित हो कि जब जांच शुरू की गई थी तो इस मामले  में ईओडब्ल्यू पुलिस ने कालामढ के तात्कालिन सरपंच बद्रीप्रसाद ओझा, राजकुमार ओझा, कालामढ के तात्कालिन एसडीएम एनके बोरवाल,  तत्कालीन तहसीलदार आरबी सिंडोसकर, शैलेन्द्र राय, हाकिम सिंह, साहिर खॉन, तत्कालीन राजस्व निरीक्षक रामकिशोर त्रिवेदी, राजेश वत्स, जेपी श्रीवास्तव, तत्कालीन पटवारी प्रेमनाराश्यण श्रीवास्तव, बृजलाल शर्मा, घनश्याम वर्मा के खिलाफ  6 नबंबर 2012 को कालामढ का कालासच की जांच करते हुए शासकीय जमीन को खुर्दबुर्द करते हुए आरोपी बनाया।

और इन सभी पर  ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने भोपाल ईओडब्ल्यू के थाने मेें अपराध क्र 75ध्2012 अंतर्गत धारा 420ए 409ए 120बीए 467ए 468ए 471 भादवि एवं 13 एक डीए 13 दो भ्रनिअ 1988 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया था।

अभी कोर्ट की फटकार के बाद चेती ईओडब्ल्यू पुलिस
अभी इस याचिका की सुनवाई करते हुए 17 नबंबर 2014 माननीय न्यायालय द्वारा मप्र शासन के प्रमुख सचिव, राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरोए,अधीक्षक एवं थाना प्रभारी राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल को आदेशित करते हुये फ टकार लगाई और कहा कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुये काफ ी समय पश्चात भी अपराधियों के विरूध्द कोई वैधानिक कार्यवाही क्यों नहीं की गई और क्यों नहीं अपराधियों को आज तक गिरफ्तार किया गया।