गढ्ढे और धूल से बढ़ रही रोगियों की संख्या

शिवपुरी। शिवपुरी शहर की बदहाली की दास्ता अब आम हो गई है। शहर के लिए बहुप्रतिक्षित दो योजनाएं अभिशाप बन गई हैं। जहां आये दिन धूल और गड्ढों से बढ़ रहीं दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं, वहीं जलावर्धन योजना के कारण शहर का विकास रुका हुआ है।

ऐसी स्थिति में शहर को बीमारियों ने भी अपनी जकड़े में ले लिया है। लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद भी ना तो शासन और न प्रशासन, न ही जनप्रतिनिधि आगे आ रहे हैं जिसकी परिणिति यह है कि शहर अब बदहाल स्थिति में पहुंच गया है।

विदित हो कि वर्ष 2007 में जलावर्धन योजना का शुभारंभ किया गया जो शहर की जनता के लिए वरदान थी, लेकिन इस योजना में जिस तरह भ्रष्टाचार हुआ और उस योजना पर ग्रहण लग गया जो अब वरदान की जगह शहर के लिए अभिशाप बन गया है। यही स्थिति वर्ष 2009 में प्रारंभ हुई सीवेज प्रोजेक्ट योजना का हुआ जो कछुआ गति से पिछले पांच वर्षों से चल रही इस योजना के तहत चल रही खुदाई कई बार विवादों में पड़ी और कई दुर्घटनाएं भी घटित हुईं और इस योजना में भी जमकर भ्रष्टाचार हुआ।

लेकिन इसके बावजूद भी यह योजना अधूरी है और इस कारण ही शहर की टूटी सड़कों के दुरुस्तीकरण का कार्य भी अधर में लटका है इसका खामियाजा शहरवासियों को ाुगतना पड़ रहा है। यही नहीं जिन स्थानों पर सड़कें डाली गई थीं वही भी खुदाई के कारण उखड़ चुकी हैं। जिससे समस्या और भी भयाभय हो गई है।

कल ग्वालियर वायपास क्षेत्र में खोदी जा रही सड़क पर अचानक मिट्टी धसने से दो मजदूर मिट्टी में दब गये जिन्हें बमुश्किल बाहर निकाला गया। यह कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं घटित हो चुकी हैं और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। वहीं कई जगहों पर उडऩे वाली धूल भी शहरवासियों के लिए मुसीबत का सबब बन रही है और बीमारियों का कारण भी बन रही है।