छात्र ने कॉलेज प्रबंधन पर लगाया परीक्षा में न बैठाने का आरोप

शिवपुरी। डीसीए फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा देने पहुंचे एक छात्र को कॉलेज प्रबंधन ने पेपर देने से रोक दिया था जिससे नाराज छात्र ने कॉलेज प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई।

उसका आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन ने उसे डीसीए का अंतिम पेपर नहीं देने दिया जबकि 23 दिसम्बर और 26 दिसम्बर को वह अपने दो पेपर दे चुका है और उसके पास रोल नंबर भी था जिसके बावजूद भी उसे परीक्षा कक्ष में घुसने नहीं दिया। वहीं कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि छात्र परीक्षा देने ही नहीं आया था और वह झूठे आरोप लगा रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पीडि़त छात्र विजय मौर्य पुत्र रतिराम मौर्य उम्र 21 वर्ष निवासी फतेहपुर वार्ड क्र. 15 डायनामिक क प्यूटर एकेडमी में डीसीए फस्र्ट सेमेस्टर का छात्र है। जिसकी परीक्षाएं 23 दिस बर से प्रारंभ हुई थीं जहां उसका  रोल नंबर 233694 जिसकी आज अंतिम पेपर फॉक्सप्रो का होना था और वह अन्य पेपर की तरह सुबह साढ़े 8 बजे वहां पहुंच गया जहां उसका पिछले दो पेपर रूम नंबर 21 में हुए थे, लेकिन इस पेपर में बैठक व्यवस्था में परिवर्तन कर दिया गया था।

जिससे छात्र ने कॉलेज प्रबंधन से संपर्क किया, लेकिन किसी ने भी उसकी सहायता नहीं की और जब छात्र विजय ने शिक्षकों से बात की तो उसे सपाट जबाव मिला कि उसका रोल नंबर नहीं है और उसे परीक्षा कक्ष में नहीं घुसने दिया जिससे व्यथित छात्र वापस लौट आया और वह परीक्षा देने से वंचित हो गया।

परीक्षा के समय छात्र नहीं पहुंचा आरोप झूठा: डायरेक्टर
डायनामिक क प्यूटर अकेडमी की डायरेक्टर श्रीमती प्रभा जैन ने छात्र द्वारा लगाये गये आरोपों को झूठा करार दिया है और अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा है कि छात्र परीक्षा आया ही नहीं और परिजनों की डांट से बचने के लिए उसने झूठी कहानी रची।

नशे में था छात्र!
आज सुबह जब छात्र विजय मौर्य कॉलेज परीक्षा देने पहुंचा उस समय वह नशे में था और उसके मुंह से दुर्गंध आ रही थी जहां उसने बताया कि वह कॉलेज पहुंचा जब किसी ने उसे घुसने नहीं दिया तो वह कॉलेज के बाहर लगी स्लिप निकालकर लाया जिस पर उसका रोल नंबर अंकित था इसके बावजूद भी उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया जब उससे पूछा गया कि उसे मुंह से किस चीज की दुर्गंध आ रही है तो उसका कहना था कि रात्रि में उसके रिश्तेदार आये हुए थे जिस कारण उसने कच्ची शराब का सेवन कर लिया था, लेकिन सुबह वह पूरे होश हवाश में परीक्षा देने पहुंचा था।