न्यू शिवपुरी कॉलोनी के अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्यवाही शुरू

शिवपुरी। अवैध रूप से कॉलोनी काट रहे,न्यू शिवपुरी कॉलोनी के जमीन मालिको के खिलाफ प्रशासन ने कार्यवाही शुरू कर दी है। यह ग्राम नौहरीकलां में सरदारों से 66 बीघा जमीन का अनुबंध पत्र संपादित कर आनन-फानन में वहां प्लॉटिंग करने का कार्य भी शुरू कर दिया। सूत्र बताते हैं कि उक्त जमीन पर डेढ़ सौ प्लॉट 1000 प्रति वर्ग फुट के काटे जा रहे थे।

एक लाख रुपये प्रति प्लॉट से प्लॉटों की धड़ाधड़ बिक्री हो रही थी और इस तरह से चार करोड़ का सौदा कर सीधे 15 करोड़ रुपये कमाने की कॉलोनाइजरों की योजना थी। विक्रेताओं को ललचाने के लिए जमीन का समतलीकरण वहां 30 फुट चौड़ी सड़क भी डाली जा रही थी, लेकिन तहसीलदार आरके पाण्डे के नेतृत्व में गई टीम ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।

तहसीलदार पाण्डे ने वहां कॉलोनी काट रहे आरोपियों को पंचायत राज अधिनियम एवं भूमि विकास नियम, नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम और कॉलोनाइजेशन एक्ट के प्रावधानों का दोषी पाते हुए एसडीएम जैन को कार्यवाही हेतु पत्र लिखा। उस तारत य में एसडीएम डीके जैन ने आरोपीगण चरनजीत कौर पत्नी काबुल सिंह सरदार, हरविन्दर पत्नी भूपेन्द्र सिंह, हरविन्द्र पत्नी हरपाल सिंह निवासी चकडोंगर, सतेन्द्र सिंह पुत्र मेहताब सिंह सेंगर, राजीव पुत्र रमेशचंद गुप्ता निवासी हनुमान कॉलोनी शिवपुरी, वचनलाल पुत्र नेहना आदिवासी के विरूद्ध नोटिस जारी कर दिया है। वहीं एक अन्य मामले में आरोपी सरबनलाल पुत्र दुर्गाप्रसाद और विजय सिंह, सुमत सिंह पुत्रगण सरबन लाल निवासी नौहरीकलां के विरूद्ध भी नोटिस जारी किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम नौहरीकलां के पटवारी ने तहसीलदार को रिपोर्ट की कि उसके क्षेत्र में सर्वे नंबर 463, 485,486, 487 आदि में कुछ लोग अवैध कॉलोनाइजेशन के लिए अवैध रूप से सड़क डाल रहे हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार आरके पाण्डे जब अपने अमले सहित मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वहां 30 फुट चौड़ी सड़क गिट्टी और बोल्डर डालकर बनवाई जा रही थी तथा आसपास की जमीन का प्लॉटिंग करने के उद्देश्य से समतलीकरण किया जा रहा था।

उन्हें समझ में आ गया कि यहां प्लॉट काटे जा रहे हैं जब इसके विषय में उन्होंने जानकारी ली तो विदित हुआ कि ग्राम नौहरीकलां कुल किता 8 रकवा 6.496 हैक्टेयर जमीन जिसके सर्वे नंबर 463, 485, 486, 487, 488, 489, 490,491, 494,507, 508, 509, 510 मिन 1, 550, 552 मिन 553 मिन, 554 सरकारी रिकॉर्ड में चरनजीत कौर पत्नी काबुल सिंह सरदार, हरविन्दर पत्नी भूपेन्द्र सिंह, हरविन्द्र पत्नी हरपाल सिंह निवासी चकडोंगर के नाम से दर्ज है जबकि सर्वे नंबर 500,501, 502,503, 558 मिन सतेन्द्र सिंह पुत्र मेहताब सिंह सेंगर एवं राजीव पुत्र रमेशचंद गुप्ता के नाम से दर्ज है तथा सर्वे नंबर 427 रकवा 2.57 हैक्टेयर वचनलाल पुत्र नेहना आदिवासी के नाम से दर्ज है जिसमें 30 फुट चौड़ी सड़क डाली जा रही है।

इस रास्ते से होकर सर्वे नंबर 463 से 454 कुल किता रकवा 8.65 हैक्टेयर जमीन है। उक्त जमीन रिकॉर्ड में कृषि भूमि है तथा जिसमें जमीन का डायवर्सन कराये बिना प्लॉट काटे जा रहे हैं। यह शिकायत भी मिली कि आसपास की जमीन के मालिकों पर भी दबाव डालकर उन्हें बेचने के लिए बाध्य किया जा रहा है। प्रशासन ने तुरंत कार्यवाही करते हुए सड़क को क्षतिग्रस्त कर दिया था खण्डे, बोल्डर को नौहरीकलां के सचिव के सुपुर्द कर दिया।

तहसीलदार ने एसडीएम को सौंपी अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि ग्राम नौहरीकलां के उक्त सर्वे नंबर में कॉलोनाइजरों द्वारा कॉलोनाइजेशन एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है तथा प्लॉट काटे जाने के लिए उन्होंने पंचायत से भी अनुमति नहीं ली है। इस तरह से उन्होंने पंचायत राज अधिनियम 93 एवं भूमि विकास नियम 2012 का भी उल्लंघन किया है। वहीं नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1993 के प्रावधानों का उल्लंघन का प्लॉटों का अभिन्यास स्वीकृत नहीं कराया गया। तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने अवैध कॉलोनी बनाने वाले आरोपियों चरनजीत कौर, हरविन्दर, हरविन्द्र, सतेन्द्र सिंह सेंगर, राजीव गुप्ता, बचनलाल आदिवासी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु नोटिस जारी कर दिये हैं।

दूसरी कॉलोनी पर भी गिरी गाज
प्रशासन की टीम जब मौके पर पहुंची तो वहां एक दूसरी कॉलोनी भी मिली जिसमें अवैध रूप से सर्वे नंबर 855, 858, 860, 861 कुल किता 4 रकवा 0.72 हैक्टेयर पर प्लॉट काटे जा रहे थे। उक्त जमीन सरकारी खाते में सरबन लाल, विजय सिंह और सुमत सिंह के नाम दर्ज है और आरोपियों द्वारा सर्वे नंबर 861,862 में से सड़क खोदी जा रही थी। प्रशासन ने उक्त आरोपियों के विरूद्ध भी नोटिस जारी कर दिया।

प्लॉट खरीदने वालों का पैसा फंसा
बताया जाता है कि अवैध कॉलोनी काटने वालों ने सैंकड़ों खरीददारों से अनुबंध के रूप में लाखों रुपये वसूल कर लिये हैं। प्रशासन द्वारा कार्यवाही किये जाने से उनका पैसा फंस गया है। तहसीलदार का कहना है कि इस बारे में वह उन लोगों की कोई सहायता नहीं कर सकते। जिनका पैसा फंसा है वह स्वयं अनुबंधकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करें।