मुनिश्री प्रशांत सागर जी का पिच्छिका परिवर्तन समारोह संडे को

शिवपुरी। शहर के महावीर जिनालय परिसर में चातुर्मास कर रहे मुनिश्री प्रशांत सागर महाराज एवं मुनि निर्वेग सागर महाराज द्वारा रविवार 2 नव बर को विष्णु मंदिर के पास स्थित सावित्री सदन में पिच्छिका परिवर्तन किया जायेगा। दोपहर 1 बजे से आयोजित इस समारोह की शुरूआत जुलूस के रूप में महावीर जिनालय से होगी और 1:30 बजे से यह कार्यक्रम सावित्री सदन में भव्यता के साथ प्रारंभ होगा।

प्रतिवर्ष चातुर्मास के उपरांत जैन संतों द्वारा मयूर पंखों से निर्मित संयम का उपकरण पिच्छिका को बदला जाता है। इस पुरानी पिच्छिका को ग्रहण करने का सौभाग्य उन्हीं द पत्तियों को प्राप्त होता है जो जीवन में संयम के व्रतों को अंगीकार करते हैं और तदनुरूप आचरण कर अपने जीवन को संयमी बनाते हैं। ऐसे द पत्ती का चयन कर मुनिराजों द्वारा एक भव्य समारोह के दौरान उन्हें पुरानी पिच्छिका प्रदान की जाती है जबकि नवीन पिच्छिका ग्रहण करने वाले द पत्तियों का चयन भी संयम व्रतों के आधार पर मुनिश्री द्वारा किया जाता है और जिन द पत्तियों के नियम कड़े होते हैं उन्हें नई पिच्छिका देने का सुअवसर मुनिश्री को मिलता है। 

इस धार्मिक और संयम से जुडे पर्व में भागीदारी के लिये न केवल स्थानीय जनसमुदाय भक्तिभाव के साथ उमडता है वरन् अन्य प्रांतों, क्षेत्रों, जिलों और नगरों और गांवों से भी मुनि भक्त और साधर्मीजन आकर संयम का व्रत लेने वाले द पत्ति बंधुओं की अनुमोदना करता है। कार्यक्रम के उपरांत संपूर्ण जैन समाज का वात्सल्य भोज का आयोजन भी कार्यक्रम स्थल सावित्री सदन पर किया गया है। वर्षा योग समिति के सभी पदाधिकारियों और जैन समाज के प्रमुख लोगों ने सभी धर्मप्रेमी बंधुओं से इस आयोजन में भागीदारी कर धर्मलाभ लेने की अपील की है।

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