बंद पडी 44 फैक्ट्रीयों में से 14 फैक्ट्रीयों की जमीन की लीज निरस्त

शिवपुरी। शिवपुरी के औद्योगिक क्षेत्र बड़ोदी और अर्धशहरीय औद्योगिक संस्थान में स्थापित 205 औद्योगिक ईकाईयों में से 44 औद्योगिक ईकाईयां या तो स्थापित ही नहीं हुई हैं या स्थापित होने के बाद 6 माह से अधिक अवधि से बंद पड़ी हैं।

ऐसी औद्योगिक ईकाईयों के खिलाफ नोटिस दिए जाने तथा निरस्ती की कार्रवाई शुरू हो गई है। अभी तक बंद पड़ी औद्योगिक ईकाईयों के 14 उद्योगपतियों को लीज पर दी जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। इस कार्रवाई से उद्योग लगाने के नाम पर सस्ती दर पर जमीन लेकर 100-150 गुना अधिक कीमत पर जमीन बेचने वाले माफियाओं में खलबली मच गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवपुरी जिले में अर्धशहरीय औद्योगिक संस्थान शिवपुरी तथा औद्योगिक क्षेत्र बड़ोदी में दो औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हैं। अर्धशहरीय औद्योगिक संस्थान शिवपुरी के कुल क्षेत्रफल 12.04 हेक्टेयर में से 8.15 हेक्टेयर भूमि पर 88 प्लॉट एवं 5 शेड निर्मित हैं जो 113 ईकाईयों को आवंटित हैं।

इन 113 ईकाईयों में 78 ईकाईयों के उद्योग कार्यरत् हैं जबकि 25 लंबे समय से बंद पड़े हैं तथा 10 स्थापित होने की प्रक्रिया में हैं। इस औद्योगिक क्षेत्र में अधिकांत: मूंगफली छिलाई, खाद्य तेल पिराई आदि का काम होता है। कुछ औद्योगिक ईकाईयां स्टील फेबरीकेशन, मर मत, रिपेयरिंग, वर्कशॉप, गेहूं से आटा बनाना, बायर नेल्स बनाना, टोस्ट एवं ब्रेड, मसाला आदि बनाती हैं।

जबकि औद्योगिक क्षेत्र बड़ोदी में 26.01 हेक्टेयर में से 16.76 हेक्टेयर भूमि पर 112 प्लाट निर्मित हैं जो 92 इकाईयों को आवंटित हैं। जिनमें से 61 ईकाईयों के उद्योग कार्यरत् हैं, 19 बंद एवं 12 स्थापित होने की प्रक्रिया में हैं। यहां 75 प्रतिशत उद्योग सेण्ड स्टोन से स्टोन टाईल्स बनाने का कार्य करते हैं। बंद पड़े 44 उद्योगों में से 14 को लीज पर दी गई जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया गया है।

निरस्ती आदेश में आवंटित जमीन पर स्थापित परिसंपत्तियों को हटाने के लिए तीन माह का समय दिया गया है तथा यह भी अवगत कराया गया है कि यदि इस आदेश से उद्योगपति असंतुष्ट हैं तो वह अपर आयुक्त को तीन माह के भीतर अपील कर सकते हैं।

भूमि हस्तान्तरण के नियम का फायदा उठाते हैं माफिया
ढाई रूपये प्रति वर्ग फिट की दर पर सस्ती जमीन लेकर उसे 250-300 रूपये प्रति वर्ग फिट की दर पर आसानी से बेचा जा सकता है। इससे स्पष्ट है कि यदि किसी औद्योगिक ईकाई को 25 हजार रूपये में 10000 वर्ग फिट जमीन आवंटित होती है तो वह उसे आसानी से 25 से 30 लाख रूपये में बेच सकता है। इसमें सरकारी नियम भी बाधक नहीं बनते।

मप्र राज्य औद्योगिक भूमि एवं औद्योगिक भवन प्रबंधन नियम 2008 के अंतर्गत नियम 19 के अनुसार मूल आवंटी ईकाई अपने द्वारा प्लाट पर बनाए गए फेक्ट्री भवन का विक्रय करता है तो के्रता से राज्य शासन की समस्त देनदारियां जैसे-प्रीमियम,  लीज रेंट, विकास शुल्क, संधारण शुल्क आदि प्राप्त कर भूमि के्रता को हस्तांतरित कर उसके पक्ष में नई लीज डीड निष्पादित की जाती है।

ऐसे में राजनीति से संपन्न नेताओं को भूमि ट्रांसफर करने में दिक्कत कहां है? हाल ही में जिस औद्योगिक ईकाई का भूमि आवंटन निरस्त हुआ उसने अपनी जमीन 250 रूपये वर्ग फिट में विक्रय कर दी थी। लेकिन निरस्ती आदेश के बाद यह सौदा खटाई में पड़ गया।

निरस्त औद्योगिक ईकाईयों की सूची
क्र. इकाई का नाम पता निरस्त भूमि वर्गफिट में
1. रामराजा इण्डस्ट्रीज अ.औ.सं शिवपुरी 10500
2. अजीत इण्डस्ट्रीज अ.औ.सं शिवपुरी 26625
3. भार्गव कृषि उद्योग अ.औ.सं शिवपुरी 14375
4. अभिषेक इण्डस्ट्रीज 4375
5. अमित स्टील डोर इण्डस्ट्रीजअ.औ.सं शिवपुरी 2325
6. ज्योति इंजीनियरिंग अ.औ.सं शिवपुरी 2 शेड एवं उनसे लगी भूमि
7. मण्डल सहकारी विपणन संस्था समिति अ.औ.सं शिवपुरी 10558
8. प्रगति उद्योग,अ.औ.सं शिवपुरी 3000
9. प्रगति उद्योग,अ.औ.सं शिवपुरी 5250
10. तिरुपति इण्डस्ट्री औ. क्षेत्र बड़ोदी 10750
11. एम आर सर्विस सेंटर औ. क्षेत्र बड़ोदी 5375
12. हार्दिक इण्डस्ट्रीज औ. क्षेत्र बड़ोदी 17000
13. राज लोर मिल औ. क्षेत्र बड़ोदी 10000
14. मनीष स्टोन औ. क्षेत्र बड़ोदी 18000